scorecardresearch
 

डकैतों के साथ हो गई ठगी... 75 लाख की लूटी असली ज्वेलरी, बेचने गए तो मिले सिर्फ 1 लाख रुपए 

जयपुर में कारोबारी से 75 लाख के कीमती आभूषण और सोना लूटने वाले डकैतों के साथ ही धोखाधड़ी हो गई. लूट के बाद जब इन डकैतों ने लूटे गए जेवरात बेचे, तो सामने वाला खरीदार उनसे ज्यादा चालाक निकला. उसने असली हीरे-पन्ने और रत्नजड़ित सोने के जेवर को नकली बताकर सिर्फ 1 लाख रुपये में खरीद लिया. हैरानी की बात ये है कि छहों डकैत इसी एक लाख में बंटवारा कर खुश हो गए लेकिन जब असली कीमत का पता चला, तो उनके होश उड़ गए.

Advertisement
X
जयपुर पुलिस ने डकैतों को ठगने वाली ठग को गिरफ्तार कर लिया है.
जयपुर पुलिस ने डकैतों को ठगने वाली ठग को गिरफ्तार कर लिया है.

जयपुर में कारोबारी से 75 लाख के कीमती आभूषण और सोना लूटने वाले डकैतों के साथ ही धोखाधड़ी हो गई. लूट के बाद जब इन डकैतों ने लूटे गए जेवरात बेचे, तो सामने वाला खरीदार उनसे ज्यादा चालाक निकला. उसने असली हीरे-पन्ने और रत्नजड़ित सोने के जेवर को नकली बताकर सिर्फ 1 लाख रुपये में खरीद लिया. हैरानी की बात ये है कि छहों डकैत इसी एक लाख में बंटवारा कर खुश हो गए लेकिन जब असली कीमत का पता चला, तो उनके होश उड़ गए. जब पुलिस ने तीन लुटेरों को गिरफ्तार किया, तो उन्होंने खुद ही अपने ठग खरीदार की साजिश का खुलासा कर डाला. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य ठग अजय कुमार नट को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है.

डकैतों की लूट, ठग की चालाकी

पूरा मामला बेहद फिल्मी है, लेकिन सच है. जयपुर के जौहरी बाजार में रहने वाले ज्वेलरी व्यापारी बृजमोहन गांधी हर दिन की तरह अपने ऑफिस से 3 जून की शाम करीब 5:30 बजे निकले. उनके पास कपड़े के बैग में हीरे-पन्नों और अन्य बहुमूल्य रत्नों के जेवर थे. शाम करीब 6 बजे जब वे रामसिंह रोड पर पृथ्वीराज टी पाइंट के पास पहुंचे, तभी दो बाइक सवार बदमाशों ने फिल्मी अंदाज़ में कार का शीशा तोड़ा और बैग लेकर फरार हो गए. बैग में मौजूद गहनों की कुल कीमत थी करीब 75 लाख रुपये. वारदात के बाद जयपुर पूर्व पुलिस हरकत में आई और इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. इनमें से एक फुटेज में महाराष्ट्र नंबर की स्कूटी दिखाई दी, जो बाद में जांच की एक अहम कड़ी बनी.

Advertisement

भरतपुर से पकड़ में आया पहला सुराग

सीसीटीवी और मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने भरतपुर के अनीपुर गांव निवासी धर्मवीर उर्फ राहुल जाट को डिटेन किया. पहले तो उसने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन जब फुटेज सामने रखे गए तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पूछताछ में धर्मवीर ने बताया कि उसने मुंबई निवासी अपने साथी संतोष सिंह चौहान, विशाल उर्फ बिस्सु, अनिकेत उर्फ लाला, राहुल चौधरी और अरविंद उर्फ नेता के साथ मिलकर इस लूट की योजना बनाई थी.

डकैतों के साथ ही ठगी 

डकैतों की योजना सफल रही. बृजमोहन गांधी से लूटा गया बैग वे लेकर भाग निकले. लेकिन लूट के बाद सबसे बड़ी गफलत तब हुई जब लूट का माल अजय कुमार नट नामक व्यक्ति को बेच दिया गया. जो खुद एक पेशेवर ठग था. अजय कुमार नट ने डकैतों को समझाया कि जेवरात असली नहीं हैं, रत्नों की शुद्धता कम है और सोना भी 16 कैरेट से अधिक नहीं है. इस बहाने उसने 75 लाख के आभूषणों को महज़ 1 लाख रुपये में खरीद लिया. डकैत भी नासमझी में खुशी-खुशी उसी एक लाख को बराबर हिस्सों में बांटकर संतुष्ट हो गए. लेकिन कुछ दिनों बाद जब अखबारों और सोशल मीडिया से उन्हें लूटे गए सामान की असली कीमत का अंदाजा हुआ तो उनका सिर चकरा गया.

Advertisement

डकैतों ने ही खोला ठग का राज

जयपुर पुलिस ने जैसे ही तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया, उन्होंने सारा राज उगल दिया. उन्होंने बताया कि माल बेचने के बाद जब कीमत का भेद खुला तो उन्हें धोखा देने वाले अजय नट को भी सबक सिखाने की ठानी. जयपुर पूर्व पुलिस उपायुक्त तेजस्वनी गौतम ने बताया कि जब पुलिस ने अजय कुमार नट की तलाश शुरू की तो पता चला कि वह अपने पैतृक गांव मुरवारा (भरतपुर) से मुंबई भाग गया है. इसके बाद पुलिस टीम ने मुंबई के निलजे गांव स्टेशन के पास स्थित लोढा रोड थाना क्षेत्र की एक सोसाइटी में छापेमारी की और अजय कुमार नट व उसके भाई संदीप चौहान को डिटेन किया.

फिर सामने आया असली सच

पूछताछ में अजय पुलिस को गुमराह करता रहा. कभी कहता कि माल अपने भाई संतोष को दे दिया, कभी कहता कि मुझे भी नहीं पता वो माल अब कहां है. लेकिन जब जयपुर लाकर पुलिस ने दोनों भाइयों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की तो अजय ने जुर्म कबूल कर लिया. उसने बताया कि लूट का माल भरतपुर में ही लिया और बदले में 1 लाख रुपये नगद डकैतों को दे दिए. उसने यह भी बताया कि उसने जानबूझकर रत्नों को नकली बताया और सोने की शुद्धता को कम आंकते हुए माल को औने-पौने में खरीदा. जबकि हकीकत ये थी कि इन मालाओं में महंगे पन्ने, स्पिनल रत्न, और सोने की अंगूठियां शामिल थीं, जिनकी कुल कीमत लगभग 75 लाख रुपये थी.

Advertisement

अब अगला नंबर ठगों का

जयपुर पुलिस ने अब लूट के साथ-साथ माल की धोखाधड़ी और ठगी का मामला भी दर्ज कर लिया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस केस में दो स्तरों की आपराधिक साजिश सामने आई है एक, लूट और दूसरा, लूट का माल औने-पौने दामों में खरीदने की ठगी. डकैतों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब मुंबई और भरतपुर के बीच ठगी के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है. अजय नट और उसके भाई संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे लगातार पूछताछ जारी है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement