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फर्जी PM-KISAN ऐप से हो रही ठगी, राजस्थान साइबर क्राइम ब्रांच ने जारी किया अलर्ट

राजस्थान साइबर क्राइम ब्रांच ने PM-KISAN योजना के नाम पर फर्जी मोबाइल ऐप से हो रही ठगी को लेकर अलर्ट जारी किया है. आरोपी किसानों को APK फाइल भेजकर मोबाइल में मैलवेयर डालते हैं और बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते हैं. पुलिस ने अपील की है कि रजिस्ट्रेशन सिर्फ सरकारी पोर्टल या CSC से करें और संदिग्ध लिंक की तुरंत सूचना 1930 पर दें.

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प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI)
प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI)

राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने पीएम किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के नाम पर सोशल मीडिया के जरिए फर्जी मोबाइल ऐप और लिंक के जरिए ठगी करने वालों से सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है. पुलिस ने कहा है कि साइबर अपराधी किसानों को फर्जी APK फाइल या लिंक भेजकर ठगने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि इससे घर बैठे ही योजना में रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है.

साइबर क्राइम शाखा के एसपी शंतनु कुमार ने बताया, इन फर्जी APK फाइल्स के जरिए मोबाइल में मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है जो डिवाइस को पूरी तरह साइबर अपराधियों के नियंत्रण में दे देता है. इसके जरिए वे मोबाइल स्क्रीन रिकॉर्डिंग, ओटीपी, बैंकिंग ऐप्स और अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल कर बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं.

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पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पीएम किसान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन केवल तीन आधिकारिक माध्यमों से ही किया जा सकता है, जिसमें तहसील स्तर के कृषि कार्यालय, भारत सरकार की वेबसाइट (pmkisan.gov.in) या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC). इसके अलावा, अगर कोई मोबाइल ऐप डाउनलोड करना हो तो वह केवल Google Play Store से ही किया जाए.

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साइबर क्राइम ब्रांच ने जनता से की ये अपील

साइबर क्राइम ब्रांच ने आम जनता, विशेषकर किसानों और ई-मित्र ऑपरेटरों से अपील की है कि किसी भी फर्जी लिंक या ऐप के झांसे में न आएं. यदि किसी को इस तरह की कोई गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन को सूचित करें.

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