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राजस्थान: चौमूं में पुलिस पर हमला सुनियोजित साजिश? पत्थरबाजी के पीछे की इनसाइड स्टोरी

घटना उस वक्त हुई जब पुलिस और प्रशासन सड़क पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई कर रहे थे. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है.

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पुलिस ने अब तक 60 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. (Photo- ITG)
पुलिस ने अब तक 60 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. (Photo- ITG)

जयपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर चौमूं में गुरुवार को पुलिस पर हुआ संगठित पथराव सिर्फ कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं, बल्कि इसके पीछे पूर्व नियोजित साजिश के संकेत भी दे रहा है. सड़क से अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस टीम पर जिस तरह से हमला किया गया, उसने प्रशासन से लेकर खुफिया एजेंसियों तक को सतर्क कर दिया है.

घटना उस वक्त हुई जब पुलिस और प्रशासन सड़क पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई कर रहे थे. बस स्टैंड से बावड़ी गेट की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर वर्षों से अतिक्रमण बढ़ता जा रहा था. शुरुआत एक छोटे चबूतरे से हुई, जो धीरे-धीरे सड़क तक फैल गया. बाद में उस ढांचे को टीन शेड से ढक दिया गया और फिर उसे मस्जिद के रूप में प्रचारित किया जाने लगा. मामला अदालत तक पहुंचा, जहां हाईकोर्ट के आदेश के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) को सड़क से अतिक्रमण हटाने का निर्देश मिला.

क्या हमला पहले से तय था?

सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार देर रात पुलिस ने सड़क पर रखे गए बड़े बोल्डर हटवाने शुरू किए. शुरुआत में मस्जिद प्रबंधन की ओर से सहमति भी जताई गई और कुछ अतिक्रमण हटाया गया. लेकिन आधी रात के बाद अचानक हालात बदल गए. आरोप है कि मस्जिद के बाहर लोहे के गर्डर और रॉड लाकर वेल्डिंग के जरिए फिर से पक्की घेरेबंदी शुरू कर दी गई. जब पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की, तभी अचानक चारों तरफ से पथराव शुरू हो गया.

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प्रशासन की सख्ती और इंटरनेट बैन

इस हमले में 6 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई है. स्थानीय जनता अब पुलिस के समर्थन में उतर आई है और हमलावरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रही है.

पुलिस ने अब तक 60 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. इनमें छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की मौजूदगी ने इस आशंका को और मजबूत किया है कि भीड़ को जानबूझकर उकसाया गया. प्रशासन को शक है कि स्थानीय विवाद को धार्मिक रंग देकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई.

बीजेपी ने लगाया साजिश का आरोप

बीजेपी नेताओं का आरोप है कि यह सिर्फ अतिक्रमण हटाने का विरोध नहीं, बल्कि बाहरी तत्वों की साजिश हो सकती है, जिसका मकसद प्रशासन को दबाव में लेना और कानून व्यवस्था को चुनौती देना है. उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत पूरे इलाके में सड़क चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है, लेकिन विरोध सिर्फ एक खास जगह पर हिंसक रूप में सामने आया.

प्रशासनिक सूत्र मानते हैं कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह मामला सांप्रदायिक तनाव का रूप ले सकता था. इसी वजह से पुलिस ने वीडियो निगरानी, ड्रोन सर्विलांस और अतिरिक्त बल की तैनाती के साथ इलाके में सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू की है.

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चौमूं की घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या कानून का पालन कर रहे पुलिसकर्मियों पर हमला अब रणनीति बनता जा रहा है? और क्या अतिक्रमण हटाने जैसी प्रशासनिक कार्रवाई को जानबूझकर संवेदनशील मुद्दों से जोड़कर हिंसा भड़काई जा रही है? पुलिस अब इसी एंगल से पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है.

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