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छात्रा के सुसाइड केस में CBSE का बड़ा एक्शन... जयपुर के स्कूल की मान्यता की रद्द

बोर्ड ने यह कार्रवाई छात्र सुरक्षा मानकों के गंभीर उल्लंघन के आधार पर की है. घटना 1 नवंबर को हुई थी, जब चौथी मंजिल से कूदने के बाद छात्रा की मौत हो गई. सीबीएसई द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन की कई गंभीर चूक उजागर कीं.

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CBSE ने आदेश दिया है कि स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की संबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है. (Photo- Representational)
CBSE ने आदेश दिया है कि स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की संबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है. (Photo- Representational)

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता (एफिलिएशन) रद्द कर दी है. बोर्ड ने यह कार्रवाई छात्र सुरक्षा मानकों के गंभीर उल्लंघन के आधार पर की है. यह फैसला उस घटना के बाद लिया गया है, जिसमें पिछले महीने स्कूल की चौथी कक्षा में पढ़ने वाली 9 वर्षीय छात्रा ने कथित तौर पर स्कूल भवन से कूदकर जान दे दी थी.

सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि स्कूल ने छात्र सुरक्षा से जुड़े अनिवार्य नियमों का खुला उल्लंघन किया है और ऐसे असुरक्षित माहौल में छात्रों को पढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती. बोर्ड ने कहा कि यह मामला “सबसे कठोर” दंड योग्य है.

1 नवंबर को हुई थी घटना

दरअसल, घटना 1 नवंबर को हुई थी, जब चौथी मंजिल से कूदने के बाद छात्रा की मौत हो गई. सीबीएसई द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन की कई गंभीर चूक उजागर कीं. रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा लंबे समय से बुलिंग का शिकार थी और उसके माता-पिता ने जुलाई 2024 में ही इसकी शिकायत शिक्षकों से की थी.

जांच में सामने आया कि अंतिम 45 मिनटों में छात्रा ने पांच बार अपनी क्लास टीचर से मदद मांगी, लेकिन शिक्षिका ने उसकी मानसिक स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया. रिपोर्ट में कहा गया कि स्कूल में काउंसलिंग व्यवस्था और शिकायत निवारण तंत्र पूरी तरह विफल रहा.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “स्कूल द्वारा की गई लापरवाही और नियमों का उल्लंघन अस्वीकार्य है. किसी भी स्कूल से अपेक्षा होती है कि वह छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान हो. इस मामले में हुई चूक सीधे तौर पर छात्र सुरक्षा को प्रभावित करती है.”

एग्जाम दे सकेंगे 10वीं और 12वीं के छात्र

बोर्ड ने आदेश दिया है कि स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की संबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है. हालांकि, कक्षा 10 और 12 के छात्रों को सत्र 2025-26 में उसी स्कूल से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी. वहीं कक्षा 9 और 11 के छात्रों को सत्र 2026-27 से नजदीकी स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा. स्कूल को नए दाखिले लेने या निचली कक्षाओं के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की अनुमति नहीं होगी.

सीबीएसई ने यह भी स्पष्ट किया कि स्कूल एक शैक्षणिक सत्र के बाद, यानी 2027-28 से, सुरक्षा मानकों और बाल संरक्षण नियमों का पूरी तरह पालन करने पर माध्यमिक स्तर की मान्यता के लिए आवेदन कर सकता है. वरिष्ठ माध्यमिक स्तर की मान्यता कम से कम दो शैक्षणिक वर्षों बाद ही संभव होगी.

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