राजस्थान की बीजेपी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए गहलोत सरकार के समय से चली आ रही राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना को बंद कर दिया है. इस योजना के तहत गहलोत सरकार ने अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी पैसे पर हर जिले में युवाओं को नौकरी पर रखा था. इनकी संख्या करीब दस हजार के आसपास थी.
राजस्थान सरकार के सांख्यिकी विभाग के एक आदेश के मुताबिक राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना (RGYMIS) को 31 दिसंबर 2023 से तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. यह योजना 2021-22 वित्तीय वर्ष में शुरू की गई थी.
मिलते थे 10 हजार रुपए
अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के मुताबिक इस योजना का उद्देश्य लोगों के दरवाजे पर शासन और सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाना था. इसके जरिए बौद्धिक और स्व-प्रेरित युवाओं का एक समूह विकसित किया जाता था. योजना को लागू करने के पीछे मूल विचार सरकार में लोगों के बीच विश्वास पैदा करना और यह देखना था कि उनकी बुनियादी जरूरतें उनके दरवाजे पर पूरी हों. योजना में काम करने वाले लोगों को 10 हजार रुपये तक का वजीफा दिया जाता था. सरकार ने इस योजना के जरिए करीब 50 हजार युवाओं का नामांकन किया था.
'...तो बदल देते नाम'
राजस्थान की बीजेपी सरकार के इस कदम पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने निशाना साधा है. गहलोत ने कहा है,'
राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5 हजार युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है. ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं और सरकार की काफी मदद कर रहे हैं. नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी थी तो राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की भांति नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती थी.'
'सहायकों को स्थायी किया'
गहलोत ने आगे कहा,'प्रदेशवासी जानते हैं कि पिछले कार्यकाल में BJP सरकार के अस्थायी तौर पर लगाए गए पंचायत सहायकों का हमारी सरकार ने स्थायी कर उनका वेतन बढ़ाया था. ऐसी ही सकारात्मक सोच से नई सरकार को भी राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए.'