राजस्थान के अलवर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 'सिद्ध पुरुष' नाम का व्यक्ति लोगों के घरों में पूजा-पाठ, हवन और धार्मिक अनुष्ठान कराता था. वह खुद को आध्यात्मिक ज्ञानी बताता था, लेकिन असल में वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था. इंटेलिजेंस की जांच में खुलासा हुआ है कि यह शख्स न सिर्फ भारत की सेना से जुड़ी अहम जानकारियां पाकिस्तान भेज रहा था, बल्कि उसने बेहद चालाकी से लोगों को हवन के नाम पर पैसे ऐंठने का काम भी शुरू कर दिया था.
अलवर और आसपास के इलाकों में मंगत सिंह नाम का यह व्यक्ति 'सिद्ध पुरुष' के नाम से जाना जाता था. उसके आने पर लोग उसे श्रद्धा से नमस्कार करते, कोई उसे घर बुलाकर हवन करवाता तो कोई अपने कामों के लिए पूजा करवाता. लोगों को क्या पता था कि यह व्यक्ति दरअसल देश की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान भेजने का काम कर रहा है.
इंटेलिजेंस की टीम को जब मंगत सिंह पर शक हुआ, तो उन्होंने उस पर निगरानी शुरू की. वह अक्सर अलवर के ईटाराणा कैंट क्षेत्र के आसपास घूमता दिखाई देता था. वही इलाका जहां सेना की गतिविधियां होती हैं. धीरे-धीरे एजेंसियों को उसके मोबाइल से ऐसे कई सबूत मिले, जो उसकी असलियत सामने लाने के लिए काफी थे.

फोन में छिपे थे राज
जांच में पता चला कि मंगत सिंह के पास दो मोबाइल नंबर थे- एक जियो और एक एयरटेल का. दोनों से वह लगातार पाकिस्तान के एजेंटों से संपर्क में था. इन एजेंटों के नंबर उसके फोन में Isha Sharma और Isha Boss के नाम से सेव थे. वह भारत की सैन्य गतिविधियों की तस्वीरें और वीडियो पाकिस्तान भेजता था, फिर उन्हें फोन से डिलीट कर देता था ताकि कोई सबूत न बचे.
इंटेलिजेंस को मिली जानकारी के अनुसार, मंगत सिंह ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद से और भी सक्रिय हो गया था. वह उन इलाकों की फोटो और वीडियो भेज रहा था जो संवेदनशील थे.
अलवर के एमआईए क्षेत्र की एक फैक्ट्री में मंगत सिंह बतौर कर्मचारी काम करता था. लेकिन नौकरी के बाद वह धार्मिक चोला ओढ़ लेता. लोग उसे ‘सिद्ध पुरुष’ कहते थे. इंटेलिजेंस की टीम ने जब उसे गिरफ्तार किया, तो उसे लेकर उस फैक्ट्री और किराए के मकान तक पहुंची, जहां से उसने पाकिस्तान को तस्वीरें और वीडियो भेजे थे. मौके पर ले जाकर उससे हर लोकेशन की पुष्टि कराई गई.
पाकिस्तान का नया ट्रेंड- आम लोगों को जासूस बनाना
न्यायालय के स्पेशल पीपी सुदेश कुमार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ज्यादा सक्रिय हुआ है. अभी जो ट्रेंड देखने को मिल रहा है, पाकिस्तान जासूसों को ट्रेंड करता है. इस दौरान भोले वाली गरीब लोगों को अपने जाल में फसाया जाता है. इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अलावा ऐसे शहरों के लोग भी शामिल होते हैं, जिन पर किसी को शक नहीं होता और किसी का ध्यान नहीं जाता है.
हनीट्रैप या पैसों का प्रलोभन देकर पाकिस्तान लोगों को अपने जाल में फसाता है. अलवर के गोविंदगढ़ में रहने वाला मंगत सिंह एक फैक्ट्री में काम करता था, किराए का कमरा लेकर अलवर में रहता था. मंगल सिंह अलवर के ईटाराणा कैंट क्षेत्र के आसपास घूमता हुआ मिला. इसकी जानकारी मिलते ही राजस्थान की इंटेलिजेंस टीम अलर्ट हुई. उस पर नजर रखने का काम शुरू हुआ. इस दौरान मंगत सिंह संदिग्ध नजर आया तो इंटेलिजेंस ने जांच की और एक के बाद एक मंगत सिंह के खिलाफ पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के कई सबूत मिले.