नेता जनता के बीच वोट मांगने जाते हैं. उनका समनर्थन लेने जाते हैं. लेकिन, जनता के दरबार में उनके जुबान से क्या-क्या निकलता है ये जानकर आप सन्न रह जाएंगे. अब केंद्रीय मंत्री उमा भारती को ही ले लीजिए. मैनपुरी रैली में कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाते हुए उमा ने जुबानी छड़ी चलाई. आगरा रैली में उमा भारती बोलते-बोलते बोल गई कि मुख्यमंत्री रहते मैंने बलात्कार के आरोपियों को पीड़ित के सामने टॉर्चर करवाया था.वोट के लिए जनता के खिदमदगार बने बीजेपी नेता ने तो जनता को माला और भाला साथ लेकर चलने की हिदायत भी दे दी. जाटलैंड की सियासत के कर्णधार चौधरी अजित सिंह गढ़ बचाने की कसरत में इतने उलझ गए कि जुबान पर काबू रखना ही भूल गए. आप खुद ही सुन लीजिए कि बागपत रैली में उन्होंने मायावती पर क्या कुछ बोल गए.