कभी गुजरात की बात होती थी तो शुरुआत अहमदाबाद और गांधी नगर से होती थी, लेकिन 2014 के चुनावों तक राजनीतिक की बात की शुरुआत और अंत वडोदरा से ही होगा. वडोदरा किसी के लिए संस्कारी नगरी है तो किसी के लिए कला नगरी है, लेकिन वडोदरा अब सत्ता नगरी नजर आ रही है.