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भाग्य-दुर्भाग्य के लिए कर्म होते हैं जिम्मेदार

भाग्य-दुर्भाग्य के लिए कर्म होते हैं जिम्मेदार

मैं भाग्य हूं...आपका अदृश्य, मगर सच्चा साथी. मैं ही तो हमेशा आपके साथ रहता हूं. कभी सौभाग्य बनकर, तो कभी दुर्भाग्य बनकर. पर मैं जैसा भी होता हूं, उसके लिए तो आपके कर्म ही जिम्मेदार होते हैं...और जिम्मेदार होते हैं आपके फैसले. जी हां, मनुष्य के जीवन का हर एक बीतता पल उसके भविष्य की रूपरेखा तय करता है, तो फिर आप अपने आज को बेहतर और फलदायक बनाएंगे, तो यह निश्चित है कि आपका आने वाला कल भी आनंद ही आनंद लेकर आएगा. देखिए पूरी कहानी.....

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