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मैं भाग्य हूं... निस्वार्थ भाव से करें लोगों की सेवा

मैं भाग्य हूं... निस्वार्थ भाव से करें लोगों की सेवा

मैं भाग्य हूं... अनंत काल से मैं आपके साथ हूं... आप कहते हैं कि आपका जीवन भाग्य के हाथों में है पर मैं भाग्य कहता कि मेरा निर्माण तो आपके जीवन काल के हर एक पल में हो रहा है यानी आपके जीवन का हर एक क्षण मेरे निर्माण का साक्षी है. क्योंकि आपके कर्म ही मेरा स्वरूप तय करते हैं. 

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