बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि विवादस्पद ढांचे के मामले में जारी सियासत अब संगीन हो चली है. जिन पक्षकारों को अदालत मामूली तवज्जो देने को भी तैयार नहीं है वो मध्यस्थता के लिए बेचैन हो उठे हैं. श्री श्री रविशंकर के बाद अब शिया वक़्फ़ बोर्ड ने इसका झंडा उठाया है. उसका कहना है कि मंदिर तो विवादस्पद जगह पर ही बनना चाहिए. अब हिन्दू और मुसलमान दोनों तरफ के असली पक्षकार बिफर उठे हैं. सवाल है कि क्या शिया वक़्फ़ बोर्ड और रविशंकर बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं?