आप सबने ये बहुत बार अनुभव किया होगा कि मन और हृदय की बात सुनने पर खुशी मिलती है. लगभग सभी लोगों का मानना है कि अंतःकरण की आवाज ईश्वर की आवाज होती है. इसलिए मन की आवाज को नजरअंदाज ना करें.