जब इच्छाओं के साथ उसे पूरा करने का दृढ़ मनोबल भी जुड़ जाए तो वो संकल्प बन जाता है. शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजा या अनुष्ठान से पहले उसका संकल्प करना जरूरी है.