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चीन की नीयत पर कितना भरोसा?

चीन की नीयत पर कितना भरोसा?

कहावत है, दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है. फिर भले ही जख्म 52 साल पुराने ही क्यों ना हों. खासकर तब जब जलाने वाला चीन जैसा तकतवर पड़ोसी हो क्योंकि एक तरफ प्रोटोकॉल तोड़कर स्वागत हुआ तो दूसरी तरफ भरोसा तोड़कर घुसपैठ हुई. एक तरफ नए समझौते हो रहे थे तो दूसरी तरफ चीन सीमा पर पंचशील के समझौते को तार तार करता रहा है. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर मुद्दा उठाने से हुआ क्या, चीनी सेना अभी भी अपनी सीमा में नहीं गई है और अभी भी सीमा पर भारतीय नागरिक चीन से खौफजदा हैं.

Chinese president visits India for bilateral talks while on the other hand their army keeps violating ceasefire at the border. Watch Halla Bol.

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