लंबे चले घमासान के बाद अखिलेश यादव ने आखिरकार सरेंडर कर दिया है. क्या अखिलेश ने परिवार की खातिर अपनी छवि का बलिदान कर दिया है, जिसे बदलने के लिए वो आगे बढ़ रहे थे. क्या अखिलेश इस मजबूर छवि के बल पर 2017 के चुनाव फतह कर पाएंगे?