छुपाना भी नहीं आता और बताना भी नहीं आता. दिल्ली में इस वक्त कांग्रेस और ‘आप’ के बीच यही चल रहा है. दोनों एक-दूसरे की नफरत छुपा नहीं पाते और सरकार बनाने पर कुछ बता भी नहीं पाते हैं. रोज कोई ना कोई बयान आता है और तमाशा खड़ा हो जाता है.