फल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंग भरी एकादशी कहा जाता है. इस दिन काशी में बाबा विश्वनाथ का शृंगार किया जाता है और फिर शुरू हो जाता है होली का महापर्व. इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है.