भक्त की शक्ति और भगवान की दरियादिली की इससे बेहतर मिसाल शायद कुछ और नहीं हो सकती. भक्ति ऐसी कि भगवान खुद भक्त में हो गए एकाकार. छोड़ दिया अपना नाम और पहचान और जाने जाने लगे भक्त के नाम से.