डीजल-पेट्रोल का दाम बेलगाम हो चुका है. खुले बाजार में उसका बढ़ता दाम लोगों की जेब के लिए बहुत महंगा साबित हो रहा है. सरकार की दलील रहती है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलों की बढ़ती कीमत के बाद उसकी मजबूरी है कि वो दाम कम नहीं कर सकती, लेकिन जब कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं, तब भी क्यों नहीं दाम घटते. ये सवाल हुक्मरानों के दर पे दस्तक दे रहे हैं कि सरकार क्यों अपने वादों से ही मुकर जाती है. देखें- '10तक' का ये वीडियो.