सीजफायर पर बहस करीब करीब थम चुकी है, लिहाजा राहुल गांधी फिर से बिहार का रुख कर रहे हैं. राहुल गांधी का इस साल ये चौथा बिहार दौरा होगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से थोड़ा पहले प्लान किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी का ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पहला दौरा होगा. इससे पहले पहलगाम हमले के बाद मोदी ने बिहार में रैली की थी - और वहीं से आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही थी. मोदी महीने के आखिर में बिहार जाने वाले हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के दोनो सदनों का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. लेकिन, शरद पवार और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का सपोर्ट न मिलने से कांग्रेस नेताओं की मांग कमजोर पड़ गई है. शरद पवार ने साफ साफ बोल दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर संसद में चर्चा ठीक नहीं है. शरद पवार ने उसके लिए सर्वदलीय बैठक को सही बताया है.
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस से पाकिस्तान को खरी खोटी सुना दी है, और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सीजफायर पर अमेरिकी दखल को नकार दिया है. देखा जाये तो सीजफायर पर के फैसले पर लग रहा सवालिया निशान हल्का पड़ने लगा है - फिर तो आगे का मैदान चुनावी राजनीति का ही नजर आ रहा है.
राहुल गांधी के अगले दौरे में दलित राजनीति पर फोकस लग रहा है - और फिर बताते हैं कि वो दलित छात्रों के साथ संवाद भी करने वाले हैं. संवाद का ये कार्यक्रम 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जोड़ने की कोशिश लगती है. शिक्षा संवाद में मिले फीडबैक के आधार पर कांग्रेस न्याय पत्र तैयार करेगी - और ये बिहार चुनाव के मेनिफेस्टो का हिस्सा होगा.
15 मई को राहुल गांधी पहले पटना पहुंचेंगे और फिर दरभंगा में कांग्रेस के शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. पटना में राहुल गांधी ज्योतिराव फुले पर बनी फिल्म फुले दलित समाज के लोगों और सिविल सोसाइटी के साथ देखेंगे - और उसके बाद दरभंगा में कांग्रेस नेताओं के साथ छात्रों से संवाद करेंगे.
फिल्म 'फुले' और कांग्रेस की दलित राजनीति
बिहार चुनाव में कांग्रेस दलित राजनीति के रास्ते आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है. ऐसा करने के पीछे कांग्रेस को मजबूत करने के साथ ही मकसद बीजेपी से मुकाबला और महागठबंधन में तेजस्वी यादव पर दबाव बनाना भी है.
पटना जाकर फिल्म फुले देखना एक अलग से राजनीतिक इवेंट तो है ही. दलित छात्रों से संवाद उसे मजबूती देने की कोशिश है. ये फिल्म समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है. राहुल गांधी पटना में ये फिल्म दलित समाज के लोगों और सिविल सोसाइटी के साथ देखेंगे, और उसके बाद दलित और पिछड़े वर्गों के छात्रों के साथ संवाद का भी कार्यक्रम बनाया गया है. बाद में दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों मिलकर बातचीत करने का भी कार्यक्रम है.
कांग्रेस का बिहार की दलित राजनीति पर जो जोर देखने को मिल रहा है, अभी तक उसका मकसद साफ नहीं है. ये वास्तव में कांग्रेस से मोहभंग के बाद छिटक कर दूर जा चुके दलित समुदाय को फिर से जोड़ने की कोशिश है, या फिर लालू यादव और तेजस्वी यादव पर गठबंधन में ज्यादा सीटें देने के लिए दबाव डालने की कोशिश भर है.
पिछड़े वर्ग से जुड़ने के लिए तो राहुल गांधी जाति जनगणना अभियान चला ही रहे हैं, बिहार में दलित वोटर से जुड़ने के मकसद से ही सवर्ण नेता अखिलेश प्रसाद को हटाकर कमान दलित चेहरा राजेश कुमार को थमाई गई है. अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह अब उनकी ही बिरादरी के कन्हैया कुमार को स्थापित करने के लिए राहुल गांधी खुद बेगूसराय पहुंच कर पदयात्रा करने जा चुके हैं.
राहुल गांधी कुछ दिनों से डंके की चोट पर कहने लगे हैं कि पिछड़ों और दलितों के मामलों में कांग्रेस से बहुत बड़ी गलती हुई है - और जातिगत जनगणना के जरिये राहुल गांधी उस गलती को सुधारने की बात कर रहे हैं. कांग्रेस के सामने अब ये भी चुनौती होगी कि बीजेपी भी जाति जनगणना का क्रेडिट लेगी, और नई हिस्सेदार बन कर दावेदारी पेश करेगी.
बिहार में कांग्रेस का शिक्षा न्याय संवाद
तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और वाम दल नौकरी और पलायन के मुद्दों को जोर शोर से उठा रहे हैं. कांग्रेस भी कन्हैया कुमार को आगे कर ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा कर चुकी है, लेकिन वो बीच में ही क्यों बंद हो गई, इसका कोई जवाब नहीं मिला.
पहले कहा जा रहा था कि कन्हैया कुमार की यात्रा का अगला चरण शुरू होगा, लेकिन कब ये किसी ने नहीं बताया. अब कन्हैया कुमार खुद बता रहे हैं कि पिछली यात्रा के विपरीत, ‘शिक्षा न्याय संवाद’ की कोई समय सीमा नहीं है.
पटना के बाद राहुल गांधी का दरभंगा में कार्यक्रम है, जहां राहुल गांधी के साथ 50 से ज्यादा कांग्रेस नेता अलग अलग जगहों से बिहार में शिक्षा संवाद करेंगे. बाकी नेताओं के साथ राहुल गांधी कार्यक्रम में दरभंगा से जुड़ेंगे.
कन्हैया कुमार के मुताबकि, कांग्रेस नेता शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत कॉलेज, विश्वविद्यालयों और छात्रावासों का दौरा करेंगे और छात्रों से बातचीत करेंगे.
बताते हैं कि ये बातचीत दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों से होनी है - देखें तो फिल्म फुले से लेकर दलित छात्रों से संवाद तक राहुल गांधी की बिहार यात्रा का फोकस तो दलित राजनीति ही है - और सीधा असर तो तेजस्वी यादव के वोट बैंक पर ही पड़ना है.