scorecardresearch
 

फाइटर जेट क्रैश: विमान के धरती पर गिरने से 120 km दूर ही इजेक्ट हो गए थे सुखोई पायलट

मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए फाइटर जेट क्रैश मामले में बड़ी खबर सामने आई है. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि सुखोई के क्रैश होने से 120 किलोमीटर पहले ही विमान के पायलट इजेक्ट कर चुके थे. बता दें कि इस हादसे में एक पायलट की मौत हो चुकी है जबकि एक अन्य पायलट की हालत गंभीर है.

Advertisement
X
वायुसेना के दो विमान दुर्घटनाग्रस्त
वायुसेना के दो विमान दुर्घटनाग्रस्त

भारतीय वायुसेना के दो फाइटर जेट सुखोई-30 और मिराज-2000 मध्य प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हो गए. शुरुआती तौर पर बताया जा रहा है कि हवा में दोनों विमानों के बीच टक्कर होने की वजह से यह हादसा हुआ. इस दुर्घटना में एक पायलट की मौके पर मौत हो गई.

दोनों फाइटर जेड के क्रैश होने को लेकर अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है. हादसे को लेकर नाम नहीं छापने की शर्त पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि शुरुआती तौर पर पता चला है कि दोनों फाइटर जेट ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी. सुखोई के पायलट दुर्घटना से करीब 120 किलोमीटर पहले इजेक्ट (विमान से बाहर निकलना) हो गए थे, पायलट के इजेक्ट कर जाने के बाद विमान नीचे आने तक हवा में उड़ता रहा और फिर मुरैना में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

इस हादसे में घायल पायलट हनुमंत राव सारथी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनमें से एक विमान का हिस्सा राजस्थान के भरतपुर जिले स्थित पींगोरा गांव में भी गिरा था. 

हादसे के बाद हेलिकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे वायुसैनिक घायल पायलटों को रेस्क्यू कर ग्वालियर एयरबेस ले आए हैं. हादसे में चोटिल पायलटों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है.

Advertisement

यह दोनों विमान रुटीन प्रशिक्षण उड़ान पर थे. इस दुर्घटना से पहले वायुसेना के दोनों लड़ाकू विमानों ने ग्वालियर हवाईअड्डे से उड़ान भरी थी. 

हादसे की जांच के लिए भारतीय वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठा दी है. बताया जा रहा है कि प्रशिक्षण उड़ान के दौरान सुखोई में 2 पायलट जबकि मिराज में एक पायलट सवार था.


 

Advertisement
Advertisement