मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ पुलिस प्रशासन को बल्कि आम लोगों को भी चौंका दिया है. एक गुमशुदा नाबालिग लड़की को मरा मानकर उसके परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन कुछ दिनों बाद वही लड़की जिंदा मिली. फिर सवाल उठ खड़ा हुआ कि जंगल में मिली और जलाई गई वह लाश आखिर किसकी थी.
दरअसल, यह मामला नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाना क्षेत्र से जुड़ा है. यहां एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने कुछ दिन पहले थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस ने गुमशुदगी का केस लेकर तलाश शुरू की थी.
इस बीच 9 मई को ठेमी थाना क्षेत्र के जंगल में एक अज्ञात युवती का शव मिला. शव की हालत खराब थी, लेकिन परिजनों ने कपड़े और अन्य पहचान के आधार पर उसे अपनी गुमशुदा बेटी मान लिया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और फिर परिजनों को सौंप दिया गया. परिजनों ने बिना किसी डीएनए जांच या विस्तृत पुष्टि के शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
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पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और उस युवक की तलाश शुरू की जो गुमशुदा लड़की के साथ आखिरी बार देखा गया था. जब पुलिस उस तक पहुंची तो उसने जो खुलासा किया, उसने सबको चौंका दिया. युवक के साथ वही लड़की ज़िंदा मिली, जिसे मरा हुआ मानकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था.
अब सवाल – फिर वो शव किसका था?
अब पुलिस के सामने एक नई और बड़ी चुनौती खड़ी हो गई. जंगल में मिला शव अगर उस गुमशुदा लड़की का नहीं था, तो फिर वह लड़की कौन थी? उसकी मौत कैसे हुई? क्या उसे मारा गया? इन सवालों ने केस को पूरी तरह मोड़ दिया है. पुलिस ने मामले को अब हत्या का एंगल मानकर जांच शुरू कर दी है. शव की पहचान की कोशिश की जा रही है. फॉरेंसिक जांच, डीएनए टेस्ट और अन्य वैज्ञानिक तरीकों से शव की पहचान की जाएगी.
क्या बोले अधिकारी?
एएसपी संदीप भूरिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि जंगल में मिला शव किसी और लड़की का है. गुमशुदा लड़की जिंदा मिल गई है. इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस जांच जारी है. एसडीओपी भावना मरावी ने भी बताया कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही जंगल में मिली मृतक लड़की की पहचान और उसकी मौत की असली वजह सामने लाई जाएगी.