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दूसरे धर्म में शादी... हाई कोर्ट ने लड़के को दिलवाई सुरक्षा, लड़की को 12 नवंबर तक महिला संरक्षण गृह भेजा

MP हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस की एक टीम लड़की को उस स्थान पर ले जाएगी, जहां वह रह रही है और उसे अपना सारा सामान इकट्ठा करने की अनुमति देगी. इसके बाद उसे एक संस्थान में ले जाया जाएगा, जहां उसे आश्रय, भोजन और सोने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान किया जाएगा. 

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

जबलपुर में हिंदू लड़की से शादी करना चाह रहे मुस्लिम लड़के को सुरक्षा दी जाएगी. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एसपी को इसको लेकर आदेश दिया है. इससे पहले तेलंगाना के BJP विधायक टी राजा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से दखल देने और जबलपुर में होने जा रही इस शादी को रोकने के लिए कहा था. 

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो संदेश में विधायक राजा को यह कहते हुए सुना गया कि मुख्यमंत्री यादव और मध्यप्रदेश पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 'लव जिहाद' विवाह न हो.

प्रेमी जोड़ी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विशाल धगत ने कहा, याचिकाकर्ताओं को अदालत में बुलाया गया दोनों के बयान चैंबर में दर्ज किए गए, क्योंकि उनके रिश्तेदार अदालत की कार्रवाई में व्यवधान डाल सकते थे. दोनों पिछले एक साल से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं और शादी करना चाहते हैं. उनका कहना है कि उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए, अन्यथा लड़की को उनके परिवार के सदस्य अगवा कर सकते हैं. 

हाईकोर्ट ने कहा,  चूंकि हमले में दोनों के चोटिल होने की प्रबल संभावना है, इसलिए जबलपुर के एसपी को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया जाता है.

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जस्टिस ने कहा कि पुलिस की एक टीम लड़की को उस स्थान पर ले जाएगी, जहां वह रह रही है और उसे अपना सारा सामान इकट्ठा करने की अनुमति देगी. इसके बाद उसे एक संस्थान में ले जाया जाएगा, जहां उसे आश्रय, भोजन और सोने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान किया जाएगा. 

अदालत ने कहा कि लड़की 11 नवंबर तक वहां रहेगी और उससे परिवार के सदस्य या मुस्लिम व्यक्ति संपर्क नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि लड़की इस अवधि के दौरान शादी करने के अपने फैसले के बारे में सोचने के लिए आजाद है. 

हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि 12 नवंबर को विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए विवाह रजिस्ट्रार के समक्ष उसका बयान दर्ज किया जाएगा. उसके मुस्लिम प्रेमी को भी सुरक्षा दी जाएगी और उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले जाएगी. अदालत ने कहा,  जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी, तो उसे उसके घर ले जाया जाएगा और परिवार के सदस्यों के साथ छोड़ दिया जाएगा.

आदेश में कहा गया है, अगर कोई शख्स जबरन प्रेमी जोड़े से संपर्क करता है और गलत तरीके से रोकने या आपराधिक बल का प्रयोग करने का अपराध करता है, तो एसपी को केस दर्ज करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है. 

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 यह भी पढ़ें: 'इस शादी को रोकें, नहीं तो युवती फ्रिज में कटी मिलेगी', MP में होने वाली शादी पर तेलंगाना के विधायक को ऐतराज

बता दें कि हिंदू सेवा परिषद के प्रमुख अतुल जेसवानी ने कहा था कि बीजेपी विधायक टी राजा ने उन्हें एक वीडियो संदेश भेजा था, जिसके बाद उन्होंने जबलपुर कलेक्टर पुष्पेंद्र अहके से मुलाकात की और उनसे विशेष विवाह अधिनियम के तहत जोड़े के आवेदन को रद्द करने का अनुरोध किया.

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