मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लिए एक जोखिम भरी रात थी, जब इंदौर स्थित 400 केवी सब-स्टेशन में अर्धरात्रि के समय अचानक एक तेंदुआ घुस आया. ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने असाधारण साहस और सतर्कता दिखाते हुए न सिर्फ एक संभावित बड़ी दुर्घटना को टाला, बल्कि वन विभाग की मदद से तेंदुए को सकुशल पकड़वाने में भी सफलता पाई.
यार्ड क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी को सबसे पहले आउटसोर्स सिक्योरिटी गार्ड कृष्णा बघेला और सूरज मोहनिया के साथ मेंटेनेंस टीम के सदस्य श्रीराम अभिलाष ने देखा. उन्होंने तुरंत सबस्टेशन की ऑपरेशन और मेंटेनेंस टीम को सूचित किया.
इन कर्मियों ने अत्यंत धैर्य और सूझबूझ का परिचय देते हुए सभी कार्मिकों को सावधानीपूर्वक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी या नुकसान को होने से बचाया. कार्मिकों को सुरक्षित करने के बाद अटेंडेंट केके मिश्रा ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी.
सूचना मिलते ही वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और सबस्टेशन यार्ड में अस्थायी पिंजरा स्थापित कर रेस्क्यू अभियान शुरू किया. काफी कोशिशों के बाद तेंदुए को सुरक्षित रूप से पिंजरे में कैद किया गया और बिना किसी हानि के सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.
आउटसोर्स कर्मियों का होगा सम्मान
एमपी ट्रांसको के मैनेजिंग डायरेक्टर ने इस पूरी घटना में कर्मियों द्वारा दिखाई गई सतर्कता, टीमवर्क और मानवीय संवेदनशीलता की तारीफ की.
इस सराहनीय कार्य में आउटसोर्स कर्मियों के साथ केके मिश्रा, असिस्टेंट इंजीनियर अतुल पराड़कर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नूतन शर्मा और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर जयेश चोपड़ा की सक्रिय भूमिका रही.
पुरस्कार की घोषणा
मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि इस साहसिक और प्रेरणादायी कार्य के लिए एमपी ट्रांसको प्रबंधन संबंधित आउटसोर्स कर्मियों सहित सभी को सम्मानित कर पुरस्कृत किया जाएगा.