मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक 16 साल के रेप पीड़िता को बच्चे को जन्म देने की अनुमति दी है, यह कहते हुए कि बिना उसकी सहमति के गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस लड़की ने अब बच्चे के पिता से शादी कर ली है.
हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश विशाल मिश्रा ने आदेश दिया कि राज्य सरकार डिलीवरी से जुड़ी सभी खर्चे उठाएगी. यह डिलीवरी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सा टीम की उपस्थिति में कराया जाएगा.
11 दिसंबर के इस आदेश की एक प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई, जो उस समय आई जब एक जिला अदालत ने नाबालिग बलात्कार पीड़िता के गर्भपात के संबंध में हाईकोर्ट को पत्र लिखा था. इसके बाद हाईकोर्ट ने चिकित्सा बोर्ड से रिपोर्ट मांगी.
चिकित्सा बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की उम्र 16 साल और सात माह थी और गर्भकाल 29 सप्ताह और एक दिन था, जो गर्भपात की अनुमति वाली अवधि के भीतर था. रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़िता को गर्भपात कराने या न कराने के विकल्पों के बारे में समझाया गया और उसने गर्भ रखना जारी रखने की इच्छा जताई.
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बाल कल्याण समिति (CWC) की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि उसने अपने बच्चे के पिता (आरोपी) से शादी कर ली है और डिलीवरी करवाना चाहती है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि लड़की के माता-पिता उसकी अपनी इच्छानुसार शादी करने के कारण उसे अपने साथ रखना नहीं चाहते. माता-पिता ने कहा कि उनका अपनी बेटी से कोई संबंध नहीं है, जो CWC की रिपोर्ट में दर्ज है.
हाईकोर्ट ने यह साफ किया कि बिना पीड़िता की सहमति के गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती. इसके साथ ही CWC को निर्देश दिया गया है कि वह पीड़िता को 18 साल की आयु तक अपनी देखभाल में रखे और उसके बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करें.