मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 7 मई यानी बुधवार को होने वाली नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने की घोषणा की है. यह मॉक ड्रिल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश के 5 शहरों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी में आयोजित होगी.
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक से पहले अपने संबोधन में कहा, "वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नागरिक सुरक्षा को मजबूत करना जरूरी है. बुधवार शाम 4 बजे से इन पांच शहरों में सायरन के माध्यम से खतरे की सूचना, ब्लैकआउट, प्रमुख इमारतों को सुरक्षित रखने और दुर्घटना की स्थिति में घायलों को सुरक्षित निकालने जैसी गतिविधियों का अभ्यास किया जाएगा."
यह मॉक ड्रिल केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश के 244 जिलों में आयोजित की जा रही है, जिसमें मध्य प्रदेश के उक्त पांच शहर शामिल हैं. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सिंधु जल समझौते जैसे मुद्दों ने युद्ध की आशंकाओं को बढ़ाया है, जिसके चलते यह कवायद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिविल डिफेंस की तैयारियों का मूल्यांकन करना और आपसी समन्वय को बेहतर बनाना है. इसमें जिला अधिकारी, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, कॉलेज और स्कूल के छात्र शामिल होंगे. गृह मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट उपाय, जरूरी स्थानों की छिपाने की व्यवस्था (कैमोफ्लाज), और निकासी (एवैक्यूएशन) योजनाओं का अभ्यास किया जाए.
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह ड्रिल विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों और तालमेल की जांच के लिए जरूरी है. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन का सहयोग करें और घबराएं नहीं.