मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के सुवासरा में रुणिजा रोड़ पर एक हृदय विदारक घटना हो गई. यहां करीब 4 से 5 कुत्तों ने एक तीन साल के बच्चे को नोंच नोंचकर मार डाला. बालक की मौत से परिवार सदमे में आ गया. वहीं जिसने भी यह घटना सुनी वह स्तब्ध रह गया. आवरा कुत्तों के हमलों से परेशान इलाके के लोगों ने कई बार नगर परिषद को अवगत कराया था.
शहर में बुधवार को सुबह 10:00 बजे रुणीजा रोड स्थित कन्हैया दास बैरागी के घर के बाहर तीन बच्चे खेल रहे थे. तभी अचानक से सामने रोड को पार करते हुए आवारा कुत्तों की टोली ने बच्चों पर हमला कर दिया. इनमें से दो बच्चे वहां से भाग गए और एक बच्चे आयुष पिता दशरथ दास बैरागी पर कुत्तों ने हमला कर दिया. उन्होंने उसे बुरी तरह से नोंच दिया. इस हमले में आयुष गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया. आसपास के लोगों ने बेसुध पड़े आयुष को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
आयुष के पिता दशरथ दास बैरागी पिछले 6 महीनों से अपने मामा संदीप पिता कन्हैया दास बैरागी के यहां अपनी मां के साथ रह रहा था. डॉक्टर स्नेहिल जैन द्वारा शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द किया गया. गणेश मगरा स्थित आसपास के क्षेत्र में कई आवारा कुत्तों का जमावड़ा रहता है जो सुवासरा नगर में भी प्रवेश करते हैं और कई बार गाय, बछड़े और आमजन पर भी हमला करते रहते हैं.
नगरवासियों द्वारा कई बार इस समस्या की शिकायत नगर पालिका से की. लेकिन नगर परिषद की बेसुधि का आलम इस कदर है कि नागरिकों की जान की भी उन्हें परवाह नहीं है. नतीजन इस तरह की घटना सामने आई है. इसके बाद भी स्थानीय नगर परिषद में इन आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभी तक कोई उपाय नहीं किया. यह घटना सुवासरा नगर की सीमा से 600 मीटर की दूरी पर हुई.
थाना सुवासरा कस्बे के बाहर की घटना है जहां एक बच्चे की मृत्यु हुई है, चार-पांच कुत्ते झुंड में उस बच्चे के ऊपर झपट पड़े जिससे बच्चा गंभीर घायल हो गया उसे अस्पताल ले जाया गया. यहां उसने दम तोड़ दिया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सिंह सोलंकी ने मामले में कहा- ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और काफी चिंताजनक है. हम इसमें विधिवत कार्यवाही कर रहे हैं. निश्चित रूप से ये एक डिबेट का विषय है क्योंकि जो डॉग लवर्स हैं वह हमारी कुत्तों को पकड़ने की टीम का विरोध करते हैं. उनको भी यह बात सोचना चाहिए कि इस तरह की जो दूर्भाग्यपूर्ण घटना होती है तो कुत्तो को पकड़कर वेक्सीनेशन देना जरूरी होता है.
गौरतलब है कि इन दिनों कुत्तो के हमले के मामले आए दिन सुर्खियों मे रहते हैं. जब प्रशासन ऐसे आवारा पशुओं पर कार्यवाही करता है तो पशु प्रेमी उनके आड़े आ जाते है. अब सवाल यह भी उठता है कि आम आदमी और पशु प्रेमियों के बिच का यह संघर्ष कब थमेगा?