मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दो साल बिताने के बाद 6 वर्षीय चीता प्रभाष और पावक रविवार शाम को अपने नए आवास में पहुंचेंगे. इस बात की जानकारी कूनो के अधिकारियों ने दी. अधिकारियों के मुताबिक दोनों चीतों को गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा. यह अभयारण्य कुनो से 250 किलोमीटर से अधिक दूर स्थित है.
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तम कुमार शर्मा ने शनिवार को कहा कि दो नर चीतों को स्थानांतरित करने की तैयारी पूरी हो गई है. प्रभाष और पावक को सड़क मार्ग से गांधी सागर अभयारण्य ले जाया जाएगा. यह अभयारण्य मंदसौर और नीमच जिलों में फैला हुआ है.
यह भी पढ़ें: चीतों को परात में पानी पिलाने वाले 'कर्मचारी' को क्या सच में नौकरी से निकाल दिया? कूनो की तरफ से आई सफाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव शाम को दोनों चीतों को छोड़ेंगे. अधिकारी ने कहा कि यात्रा में 6-7 घंटे लगेंगे. प्रभास और पावक को फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका के वाटरबर्ग बायोस्फीयर रिजर्व से कुनो नेशनल पार्क लाया गया था.
फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से कुनो में बारह और चीतों को लाया गया था. जिससे अब यहां 26 चीते हैं, जिनमें 14 भारत में जन्मे शावक शामिल हैं. इससे पहले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों ने शुक्रवार को भोपाल में कहा कि आठ चीतों को दक्षिणी अफ्रीका के बोत्सवाना से दो चरणों में भारत लाया जाएगा. इसके तहत मई में चार चीतों को लाया जाएगा. इसको लेकर वन विभाग की तरफ से लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं.