भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) ने पोर्टल हाइपरटेंशन नाम की बीमारी से जूझ रहे एक 43 साल के गैस पीड़ित मरीज का रेडियोलॉजी इन्टरवेन्शन प्रक्रिया टिप्स (ट्रांसजुगुलर इंट्राहेपोटिक पोर्टोसिस्टेमिक शंट) से सफलतापूर्वक इलाज किया है. मरीज को लिवर सिरोसिस की वजह से यह बीमारी हो गई थी, जिसकी वजह से उनके पेट में बार—बार पानी भर जाता था तथा खून की उल्टियां होती थीं. इस प्रक्रिया में मरीज का इलाज निशुल्क किया गया, जबकि निजी अस्पतालों में इस पर 4 से 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है.
मरीज का इलाज बीएमएचआरसी के रेडियोलॉजी विभाग के इंटरवेंशन रेडियोलॉजिस्ट डॉ. राधेश्याम मीणा, एम्स भोपाल के रेडियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमन कुमार, बीएमएचआरसी के गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग में विजिटिंग कंसल्टेंट डॉ तृप्ति मिश्रा और एनीस्थीशियोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कनिका सुहाग की टीम ने मिलकर किया.
डॉ मीणा ने बताया कि मरीज बीते कई वर्षों से लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे. उनका लिवर सिकुड़ गया था और कठोर हो गया था, जिससे लिवर की रक्त प्रवाहित करने की क्षमता बहुत कम हो गई थी. इस वजह से लिवर तक रक्त पहुंचाने वाली पोर्टल वेन पर दबाव पड़ने लगा और रक्त अन्य नसों तक पहुंच गया, जिससे खून की उल्टी होने लगा और पेट में पानी भरने लगा. इस स्थिति को पोर्टल हाइपरटेंशन कहा जाता है.
उन्होंने बताया कि लिवर से एक अन्य नस भी जुड़ी होती है, जिसे हिपेटिक वेन कहते हैं. हिपेटिक वेन लिवर से साफ हुए खून को हार्ट तक पहुंचाती है, लेकिन लिवर के ठीक तरीके से काम न करने के कारण यह प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही थी. टिप्स प्रक्रिया के जरिए पोर्टल वेन और हिपेटिक वेन के बीच एक स्टंट प्रत्यारोपित किया गया, जिससे खून का प्रवाह बेहतर हो गया. डॉ मीणा ने बताया कि मरीज को अब खून की उल्टियां आना व पेट में पानी भरने की समस्या से निजात मिल गई है.
क्यों महत्वपूर्ण से लिवर से रक्त प्रवाह
पोर्टल वेन एक प्रमुख नस है जो आंतों, पेट, प्लीहा (स्प्लीन) और अग्न्याशय (पैंक्रियाज) से खून लेकर सीधे लिवर में पहुंचाती है. इस खून में पोषक तत्व और टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थ) होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया के दौरान शरीर में आते हैं. लिवर इस खून को साफ करता है, टॉक्सिन्स को हटाता है और आवश्यक प्रोटीन तथा अन्य पदार्थों का निर्माण करता है. यह साफ खून हेपेटिक वेन के जरिए लिवर से बाहर निकलता है और सीधे हृदय की ओर चला जाता है. वहां से यह साफ खून शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाया जाता है.
इनका कहना
BMHRC की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने बताया, "इंटरवेंशन रेडियोलॉजी जैसी अत्याधुनिक प्रक्रियाएं मरीजों को कम जोखिम, कम दर्द और तेजी से स्वस्थ होने का लाभ प्रदान करती हैं. बीएमएचआरसी में हम ऐसे उन्नत उपचार उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. यह सर्जरी आपसी सहयोग का अच्छा उदाहरण है, जहां दो संस्थानों के विशेषज्ञ एकसाथ आए. "