मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गत 25 मई को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे धार्मिक स्थलों पर 'लाउडस्पीकर के अनियंत्रित उपयोग' पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू कराएं. सीएम के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए इंदौर प्रशासन ने सोमवार को 258 धार्मिक स्थलों से 437 लाउडस्पीकर उतार दिए. भोपाल में पुलिस ने धार्मिक और अन्य प्रतिष्ठानों से 96 लाउडस्पीकर हटाए. पूरे राज्य में इसी तरह के अभियान चलाए गए.
नियमों के मुताबिक किसी धार्मिक स्थल पर अधिकतम दो लाउडस्पीकरों का उपयोग करने की अनुमति है, जिसके लिए डेसिबल लेवल भी निर्धारित होता है. लाउडस्पीकर की आवाज औद्योगिक क्षेत्रों में दिन के दौरान 75 डेसिबल और रात में 70 डेसिबल; व्यावसायिक क्षेत्रों में दिन के दौरान 65 डेसिबल और रात के समय 55 डेसिबल; रिहायशी इलाकों में दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल और साइलेंस जोन में दिन में 50 डेसिबल और रात में 40 डेसिबल तक रखने की अनुमति है.
करीब 5 महीने पहले राज्य सरकार ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रक कानून का पालन करवाने के लिए धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का फैसला लिया था. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारीयों को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई को तेज करने के निर्देश दिए थे. सीएम के आदेश के बाद प्रदेश के अलग-अलग शहरों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का काम शुरू हो गया है.
सोमवार को भोपाल के बरखेड़ी अब्दुल्ला इलाके की एक मस्जिद और एक मंदिर से स्थानीय प्रशासन ने लाउडस्पीकर हटाए. इस दौरान हुजूर एसडीएम और स्थानीय पुलिस मौजूद थी. प्रशासन की अपील पर लोगों ने खुद ही धार्मिक स्थलों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाए. पिछले 2 दिनों में इंदौर, शाजापुर, देवास, छिंदवाड़ा, रतलाम और भोपाल में करीब 3000 से ज्यादा धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को खुले में मांस की बिक्री और डीजे पर भी नजर रखने रखने की अनुमति दी. उन्होंने कहा कि जुआ, सट्टा, साइबर अपराध, संपत्ति विवाद पर नियंत्रण के लिए हर स्तर पर त्वरित कार्रवाई की जाए. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रात में थानों का आकस्मिक निरीक्षण सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री के निर्देशों पर सभी जिलों के प्रशासन ने अमल करना शुरू कर दिया है.