यहां चल रहे साहित्य महोत्सव में आज दूसरे दिन के सत्र में ‘हबीब तनवीर का लोकरंग’ विषय पर बातचीत हुई. इसमें छत्तीगसढ़ सहित देश के प्रसिद्ध रंगकर्मी और नाट्य निर्देशक स्वर्गीय हबीब तनवीर के नाटकों पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे. सूत्रधार के रूप में राजकमल नायक ने विषय प्रवर्तन किया.
गजानन माधव मुक्ति बोध मंडप में स्वर्गीय हबीब तनवीर की सुपुत्री और अभिनेत्री नगीन तनवीर ने हबीब तनवीर के रंगमंच की विकास यात्रा का विस्तार से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि हबीब तनवीर का कहना था कि व्यंग्य नाटकों के लिए छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार बेजोड़ अभिनय करते हैं. हबीब तनवीर ने अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक शेक्सपियर के नाटकों का भी मंचन किया था.
राजकमल नायक ने कहा कि हबीब तनवीर ने छत्तीसगढ़ी लोक नाटकों और यहां की जमीन से जुड़े लोक कलाकारों को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई. सत्र में उपस्थित देवराज अंकुर ने हिन्दी नाटक और हिन्दी रंगमंच के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए हबीब तनवीर के प्रसिद्ध नाटक ‘आगारा बाजार’ का विषय रूप से उल्लेख किया.