साहित्य आजतक के दूसरे अहम सत्र 'एक चांद है सर-ए आस्मां' में उर्दू ज़बान व अदब के नामवर आलोचक शम्सुर्रहमान फारूकी और नयी ग़ज़ल के अहम शायरों में से एक एवं कवि और लेखक प्रेम कुमार नज़र शामिल हुए. इस सत्र का संचालन अहमद महफूज़ ने किया.