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साहित्य आजतक: क्या है कवि और कविता का राष्ट्रधर्म?

साहित्य आजतक: क्या है कवि और कविता का राष्ट्रधर्म?

साहित्य आजतक 2018 के दूसरे मंच हल्ला बोल पर दूसरा सत्र 'कविता के बहाने' में कवि मदन कश्यप, कवि अरुण देव और कवि तेजिंदर लूथरा ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन नेहा बाथम ने किया. इस सत्र में समकालीन काव्य जगत की तीन शख्सियत मदन कश्यप, अरुण देव और तेजेंदर सिंह लूथरा ने अपनी कविताएं पढ़ी साथ ही हिन्दी साहित्य को लेकर दर्शकों के साथ अपने विचार साझा किए. अरुण देव ने सोशल मीडिया कैंपेन MeToo से जुड़ी अपनी नई कविता भी साझा की. वहीं, कवि मदन कश्यप से पूछा गया कि क्या आज के कवि और कविताएं आसपास के माहौल को लेकर जागरुक हैं? इस पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद की अवधारणा अलग-अलग है और यह शब्द पश्चिम से आया है.

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