तीन दिवसीय e-साहित्य आजतक के तीसरे दिन मंच से जुडे भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार, गायक, गीतकार और राजनेता मनोज तिवारी. उन्होंने एंकर श्वेता सिंह से क्रिकेट से लेकर कंपीटिशन तक में अपने सफल न होने की कहानी सुनाई और कहा कि असफल होने का दंश उसे ही पता जो असफल हो. उन्होंने एंकर श्वेता सिंह से ये बात भी बताई कि कैसे वह साहित्य से जुड़ कर मनोज तिवारी मृदुल बने. उन्होंने प्रवासी मजदूरों को निवासी मजदूर कहा और पलायन को बहुत हृदय विदारक घटना बताया.