ई-साहित्य आज तक के दूसरे दिन यानी शनिवार के अंतिम सेशन में दिग्गज गीतकार मनोज मुंतशिर ने अपने विचार व्यक्त किए. मनोज ने सेशन की मॉड्रेटर श्वेता सिंह के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने फिल्म एक विलेन के गाने 'तेरी गलियां' का मुखड़ा महज 90 सेकंड में लिख दिया था. मनोज मुंतशिर ने बताया कि उन्हें गाने का मुखड़ा सुबह के वक्त जॉगिंग करते हुए सूझा था. उन्होंने ये पूरा वाक्या ई-साहित्य आज तक में सुनाया.
मनोज मुंतशिर ने बताया, "मैंने 'तेरी गलियां' सॉन्ग सबसे तेज लिखा है. मैंने इस गाने का मुखड़ा ठीक 90 सेकंड में लिख दिया था. गलियां का मुखड़ा मुझ पर उतरा है कहीं से. मैं एक रोज जॉग करते हुए अपने घर से निकला. तब मैं टीवी के लिए लिखा करता था लेकिन गाने लिखना शुरू नहीं किया था. 2013 की बात है जब मैं सुबह जॉगिंग के लिए अपने घर से निकला तो मेरी नजर एक गली पर पड़ी जिसका नामकरण हुआ था."
"उसका शिलान्यास हुआ था जिस पर लिखा था गोविंद जी श्रॉफ मार्ग. मैं आज भी वहीं रहता हूं गोरेगांव में. मैंने ये लिखा हुआ देखा और ये मार्ग शब्द मेरे दिमाग में अटक गया. मैं जॉगिंग करते हुए सोचने लगा... मार्ग, पथ, पगडंडी, रास्ता, रहगुजर, रोड, स्ट्रीट, लेन, गली. गलियां. बड़ा रोमांटिक शब्द है. एक बिजली सी कौंधी मेरे दिमाग में और अगले 90 सेकंड में फिर मैंने जो लिखा वो कुछ इस तरह से था."
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मनोज मुंतशिर ने इस सेशन के दौरान अपनी पहली प्रेम कहानी के बारे में भी बताया जो अधूरी रह गई. उन्होंने बताया कि उन्हें 12वीं क्लास में एक लड़की से प्यार हुआ था. तब वह महज 17 साल के थे. लेकिन वह लड़की उन्हें छोड़कर चली गई थी क्योंकि उन्हें लगता था कि वो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएंगे.