लॉकडाउन के दौरान कोरोना वॉरियर्स लगातार अपनी जान को जोखिम में डाल कर देशवासियों की जान की हिफाजत कर रहे हैं. इनमें डॉक्टर्स, पुलिस अफसर, सफाई कर्मी और ऐसे न जाने कितने ही विभाग शामिल हैं. जाहिर तौर पर इसमें वो मीडिया भी शामिल है जो देशभर का हाल जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. इसी बीच हर साल की तरह साहित्य आज तक एक बार फिर दर्शकों के लिए वापस आ गया है.
हालांकि इस बार का कलेवर थोड़ा बदला हुआ है और सब कुछ डिजिटल है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर और तकनीक का बेजोड़ इस्तेमाल करते हुए तमाम दिग्गज स्क्रीन पर नजर आए. इस क्रम में शुक्रवार को हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ई-साहित्य आज तक का हिस्सा बने. मॉडरेटर सईद अंसारी के साथ बातचीत में सुरेंद्र ने तमाम चुटकुले और हास्य कविताएं सुनाईं, साथ ही कुछ गंभीर मुद्दों पर भी अपनी राय रखी.
सपने में भी पति सावधान रहें
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सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि ये हालात है इसलिए पति बेचारा पत्नी के गुण भी नहीं गा सकता है. उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी की एक चौपाई ने देश भर के पुरुषों को बहुत परेशान कर रखा है और कोई भी पुरुष महिला के लिए ये चौपाई नहीं गा सकता है. ये चौपाई है, "ढोल गंवार शूंद्र पशु नारी, ये सब ताड़न के अधिकारी." उन्होंने कहा कि जब पत्नी से पूछा कि इसका अर्थ समझती हो तो पत्नी ने जवाब दिया कि अर्थ साफ है इसमें एक जगह मैं हूं चार जगह आप हो.