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100 के नोट पर हो महिला की तस्वीर @WomenOn100

भारत के नोट में कोई भी महिला क्यों नहीं है? ये सवाल कोलकाता की एक विज्ञान की टीचर ने Change.org कैम्पेन लॉन्च करके पूछा है.

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कैम्पेन 'वुमेन ऑन करंसी'
कैम्पेन 'वुमेन ऑन करंसी'

भारत के नोट में कोई भी महिला क्यों नहीं है? ये सवाल कोलकाता की एक विज्ञान की टीचर ने Change.org कैम्पेन लॉन्च करके पूछा है.

 

ये कैम्पेन सप्ताहभर पहले ट्विटर पर आया है. ब्लॉग और ऑनलाइन याचिका के जरिए भी इसकी पब्ल‍िसिटी हो रही है. ये कैम्पेन लोगों से उनकी राय मांग रहा है और पूछ रहा है कि 100 रुपये के नोट पर वो किस महिला को देखना चाहते हैं.

 

पूनम शर्मा कहती हैं कि उनका ये कैम्पेन इसी साल अमेरिका के एक कैम्पेन से प्रेरित है. पूनम ने कहा, 'कई लोग पूछते हैं कि 100 रुपये के नोट के ऊपर किसी महिला की तस्वीर होने से क्या फर्क पड़ जाएगा. ये कुछ ऐसा होगा, जिससे एक छोटी लड़की प्रेरित होगी. कोई छोटी बच्ची जब नोट पर किसी महिला को देखेगी तो उसे एक अच्छे भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी.'

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चेन्नई के प्रजन्या ट्रस्ट एनजीओ की फाउंडर स्वर्णा राजगोपालन इस कैम्पेन की शुरुआती समर्थकों में से एक है. उन्होंने कहा, 'इस अभियान की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे एक महिला ने अकेले शुरू किया. हमें इस मानसिक धारणा को तोड़ना होगा कि समाज में किसी भी तरह के बदलाव की पहल सरकार या कोई एनजीओ कर सकती है.'

अभी तक इस कैम्पेन ने 100 रुपये के नोट के ऊपर छपने वाली तस्वीर के लिए छह मजबूत नाम दिए हैं. इसके लिए स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसफ अली, समाज सुधारक कमलादेवी चट्टोपाध्याय, शिक्षाविद पंडिता रामाबाई, भारत और ब्रिटेन में लॉ की प्रैक्ट‍िस करने वाली पहली महिला कॉरनेलिया सोराबजी, राजनीतिक एक्टिविस्ट भिकाजी कामा और शिक्षाविद सावित्री फूले का नाम है.

 

मुंबई की डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर पैरोमीता वोहरा ने भी इस कैम्पेन का समर्थन किया है. उन्होंने लिखा कि नतीजा क्या होगा ये जरूरी नहीं है, जरूरी है प्रक्रिया.

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