अपने लिविंग रूम के फर्श पर पैर फैलाकर बैठी विवियन तुंग अपने पेट को सिकोड़कर एक जगह ढूंढ रही हैं जहां वो अंडाणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हार्मोनल दवा रेकोवेल का इंजेक्शन लगा सकें. ताइवान की रहने वाली 33 साल की तुंग ब्रांड मार्केटिंग डायरेक्टर हैं जो भविष्य के लिए अपने अंडों को फ्रीज करा रही हैं. फ्रीजिंग की प्रक्रिया के दो हफ्तों में उन्हें यह इंजेक्शन रोजाना लगाने के लिए कहा गया है.
अकेली रहने वाली तुंग ताइवान की उन महिलाओं में से एक हैं जो अपने अंडों को भविष्य में इस्तेमाल के लिए फ्रीज करा रही हैं ताकि वो बाद में बच्चा पैदा कर सकें. हालांकि, मौजूदा कानूनों के तहत वे तब तक अंडों का उपयोग नहीं कर सकतीं जब तक कि उनकी शादी न हो जाए.
तुंग कहती हैं कि ताइवान में कई महिलाएं स्वतंत्र हैं, उनका फोकस करियर पर है और वो महज बच्चा पैदा करने के लिए शादी नहीं करना चाहती हैं. वो अंडों को फ्रीज कराने को लेकर कहती हैं, 'यह मेरी बीमा पॉलिसी है. मेरा परिवार मेरा साथ देता है और मेरी पसंद का सम्मान करता है. जब उन्होंने सुना कि मैं अपने अंडे फ्रीज करा रही हूं तो उन्हें भी अच्छा लगा था.'
ताइवान में प्रति महिला 0.89 बच्चों की प्रजनन दर है जो दक्षिण कोरिया और हांगकांग के बाद दुनिया में सबसे कम है.
ताइवान में बिना शादी किए भी महिलाएं अपने अंडे फ्रीज करा सकती हैं, जबकि चीन में इस पर प्रतिबंध है. हालांकि, अगर महिला समलैंगिक विवाह करती है तो कानून उसे अपने अंडों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देता है.
ताइवान में डॉक्टरों ने कहा कि इन प्रतिबंधों के कारण केवल 8% महिलाएं ही अपने अंडों को फ्रीज करने के बाद उनका उपयोग कर पाती हैं जबकि अमेरिका में यह लगभग 38% है.
तुंग की उम्मीद
तुंग बिना शादी बच्चे पैदा करना चाहती हैं लेकिन कानून को देखते हुए उन्हें फिलहाल यह इजाजत नहीं है. इसलिए वो अपने अंडे फ्रीज करा रही हैं ताकि अगर भविष्य में कानून में बदलाव हों तो वो बच्चा पैदा कर सकें.
उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में ताइवान के कानून में बदलाव कर अविवाहित महिलाओं को भी बच्चा पैदा करने की अनुमति मिल जाएगी. अंडा फ्रीज कराने की सर्जरी से पहले तुंग को कई बार अपने हार्मोन लेवल की जांच के लिए ब्लड टेस्ट कराना पड़ा.
वो कहती हैं, 'मेरी कोशिशें रंग लाईं... मेरा मानना है कि लड़कियों में बढ़ते इस ट्रेंड को देखते हुए कुछ सालों में ताइवान के कानून को उदार बनाया जा सकता है. लोग इस मुद्दे पर जागरूक हो रहे हैं जिससे सरकार को कानून में बदलाव करने में मदद मिल सकती है.'
ताइवान 2019 में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला एशिया का पहला स्थान बन गया था. मई में समलैंगिक जोड़ों को संयुक्त रूप से एक बच्चा गोद लेने का अधिकार भी दिया गया था.
लेकिन ताइवान में केवल 4% बच्चे विवाह के बिना पैदा होते हैं, जबकि अमेरिका में यह लगभग 40% है.
राजधानी ताइपे के शिन कोंग वू हो-सु मेमोरियल अस्पताल में प्रजनन चिकित्सा केंद्र के मुख्य निदेशक ली यी-पिंग ने कहा कि ताइवान प्रजनन संघ और सरकार के बीच बिना शादी के बच्चा पैदा करने को लेकर बात चल रही थी लेकिन सवाल ये है कि इसमें कितना समय लगेगा? यह किसी को नहीं मालूम.
ली ने कहा, 'यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है. अब हमें इस मुद्दे पर समाज में आम सहमति बनने का इंतजार करना चाहिए.'
अंडा फ्रीज कराने का बढ़ता ट्रेंड
नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के एक अध्ययन के अनुसार, ताइवान में अंडा फ्रीजिंग की मांग बढ़ गई है. पिछले तीन सालों में 35 से 39 वर्ष की आयु की महिलाओं की संख्या में 86% की वृद्धि हुई है.
ताइवान के पहले एग बैंक, स्टॉर्क फर्टिलिटी क्लिनिक के संस्थापक डॉ. लाई ह्सिंग-हुआ ने कहा, महामारी के बाद से अंडा फ्रीज कराने वाली महिलाओं की संख्या काफी बढ़ गई है जिसे देखते हुए पिछले साल एग फ्रीजिंग के लिए एक दर्जन से अधिक सेंटर खोले गए.
लाई ने कहा कि ताइपे और सिंचू के फ्रीजिंग क्लीनिक में नए मरीजों की संख्या में साल-दर-साल 50% की वृद्धि हुई है. इसमें बढ़ोतरी का एक कारण स्थानीय सरकारों की तरफ से एग फ्रीजिंग पर सब्सिडी देना भी है.
हालांकि, स्थानीय सरकार एक साल में कुल 1,400 महिलाओं को ही सब्सिडी देता है. इस कारण बहुत सी महिलाओं के लिए अपने अंडे फ्रीज करवा पाना संभव नहीं है.अंडा फ्रीजिंग की दवाओं और हॉस्पिटल का खर्च 2,600 से 3,900 डॉलर के बीच आता है. अंडा फ्रीजिंग का वार्षिक शुल्क 160 से 320 डॉलर तक होता है.
तुंग ने अंडा फ्रीजिंग में लगने वाला यह पैसा खुद दिया. हालांकि, सर्जरी के दिन उनके माता-पिता ही उन्हें अस्पताल लेकर गए थे. 40 मिनट की सर्जरी के लिए तुंग को सामान्य एनेस्थीसिया दिया गया और उसके बाद दो घंटे तक रिकवरी रूम में रखा गया.
घर जाते वक्त तुंग ने कहा, 'सच में, मेरे मन को जैसे शांति मिल गई. अगर भविष्य में कोई मौका मिले और मैं बच्चे पैदा करना चाहूं तो कम से कम मुझे वो अवसर तो मिलेगा.'