प्राकृतिक सुंदरता के कारण मेघालय बरबस सैलानियों का ध्यान अपनी खींचता रहा है.
वैसे तो उत्तर-पूर्व के हर राज्य का वातावरण काफी मनमोहक है, पर मेघालय की तो बात ही कुछ और है.
वर्षा वाले बादलों से आच्छादित मेघालय का पहाड़ी भू-भाग बेहद लुभावना नजर आता है.
मेघालय में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं, जहां प्रकृति अपने भव्य रूप में मौजूद है.
राजधानी शिलांग में भी अनेक मनोरम स्थल हैं, जिनमें वार्ड लेक, लेडी हैदरी पार्क, पोलो ग्राउंड, मिनी चिडि़याघर, एलीफेंट जलप्रपात और शिलांग की पर्वत चोटी प्रमुख हैं.
शिलांग की पर्वत-चोटी से करीब-करीब पूरा नगर दिखाई देता है.
शिलांग का गोल्फ कोर्स देश के अच्छे गोल्फ कोर्स मैदानों में से एक है.
शिलांग समुद्र-तल से 1496 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
शिलांग ऐसा पर्यटन स्थल, जहां लोगों को ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ता है.
शिलांग में मनोरम दृश्य, बादल, पाइन के लंबे पेड़, पर्वत, घाटियां, दलदल और एक शानदार गोल्फ कोर्स, सभी मौजूद हैं.
गारो, खासी और जयंतिया खासी पहाडि़यों के लोग रंग-बिरंगी जीवनशैली का आनंद उठाते हैं.
पश्चिमी गारो पहाड़ी ज़िले में स्थित नोकरेक नेशनल पार्क और बायोस्फीयर रिजर्व तूरा से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है.
नोक रेक गारों पहाडि़यों का सबसे ऊंचा बिन्दु है और यहां हाथी तथा हू लॉक गिब्बन सहित अनेक प्रकार की वन्य प्रजातियां पाई जाती हैं.
नोक रेक नेशनल पार्क की स्थापना नोकरेक में तथा इसके आसपास वाले स्थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्में तथा दुर्लभ ऑर्किड के संरक्षण के लिए की गई थी.
बालपकराम नेशनल पार्क राष्ट्रीय वन्य जीवन पार्क तूरा से लगभग 167 किलोमीटर की दूरी पर है. यह दुनिया के सबसे अधिक दुर्लभ लाल पांडा का घर माना जाता है.
शिलांग का एलीफैंट जलप्रपात बहुत ही प्रसिद्ध है. यहां लोग एयर बैलून का भी भरपूर लत्फ उठाते हैं.
लाल पांडा का सामान्य नाम लेसर पांडा है.
बालपकाराम का अर्थ है लगातार चलती हवाओं का घर.
बालपकाराम पार्क बाघ, हाथी, बायसन, काले भालू, चीते, सांभर, हिरण सहित अनेक प्रकार के वन्य जंतुओं के साथ लगभग 220 वर्ग किलोमीटर में फैला है.
यह मेघालय के पश्चिमी गारों पहाड़ी ज़िले में स्थित बाघ मारा से जुड़ा हुआ है. इस पार्क के पश्चिमी हिस्से के साथ सिमसेंग नदी के किनारे सिजू पक्षी वन अभयारण्य है.
मेघालय में कुश्ती, फुटबॉल, रस्साकशी, भारोत्तोलन और गॉल्फ़ जैसे खेल लोकप्रिय हैं.
नृत्य मेघालय के शहरी जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है.
राजधानी शिलांग में प्रत्येक वर्ष शिलांग महोत्सव का आयोजन होता है.
इस क्षेत्र की ख़ासी जनजाति के लोगों ने अपनी संस्कृति व परंपरा को काफी हद तक सुरक्षित रखा है.
शिलांग पूर्वोत्तर राज्यों के बड़े शहरों में से एक और कृषि उत्पादों का महत्त्वपूर्ण व्यापार केंद्र हैं.
शिलांग के अनेक अनुसंधान केंद्रों में डेरी विज्ञान उद्यान विज्ञान रेशम उत्पादन संस्थान शामिल है.
शहर से कुछ मील की दूरी पर उत्तर दिशा में बरपानी जल-विद्युत घर स्थित है.