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वजन घटाने की धुन बन सकती है जोड़ों के दर्द का कारण

छरहरी काया पाने के लिए वजन घटाने की अंधी दौड़ में शामिल आधुनिक महिलाओं के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि गैर डेयरी उत्पादों तथा गेंहू रहित आहार का लगातार सेवन जिंदगी में बाद में चलकर जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है.

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छरहरी काया पाने के लिए वजन घटाने की अंधी दौड़ में शामिल आधुनिक महिलाओं के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि गैर डेयरी उत्पादों तथा गेंहू रहित आहार का लगातार सेवन जिंदगी में बाद में चलकर जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है.

दी डेली टेलीग्राफ में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा समय में एक तिहाई महिलाओं पर वजन कम करने की इतनी धुन सवार है कि वे संपूर्ण आहार नहीं ले रही हैं. इनमें से कुछ जोड़ों को मजबूती प्रदान करने वाले कैल्शियम युक्त भोजन पदार्थ भी हैं. 4500 ब्रिटिश महिलाओं पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि 30 फीसदी महिलाओं ने पतला होने के लिए भोजन पदार्थों को पूरी तरह ही त्याग दिया.

इनमें से करीब 28 फीसदी ने बताया कि उन्होंने चीज को और 11 फीसदी ने सभी डेयरी उत्पादों को अपनी आहार तालिका से हटा दिया. दस में से चार से अधिक महिलाओं ने ब्रेड को ना कह दिया जिसमें कैल्शियम काफी होता है.

26 फीसदी से अधिक महिलाओं ने माना कि जब भी किसी खाद्य पैकेट को देखती हैं तो उसके पोषक तत्वों की मात्रा को अनदेखा कर केवल यही देखती हैं कि उसमें वसा और कैलोरी की मात्रा कितनी है. विशेषज्ञों का कहना है कि 35 वर्ष की उम्र तक हड्डियों का यदि मजबूत विकास नहीं होता है तो यह बाद में जाकर आस्टियोपोरोसिस यानी जोड़ों के दर्द के खतरे को बढ़ा देता है.

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