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जानें- क्या है ऑरोफेरिंजियल कैंसर, ऐसे लगाएं पता...

बेहद खतरनाक है ऑरोफेरिंजियल कैंसर. जानें- कैसे शुरू होता है...

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

हाल ही में जारी हुए आंकड़ों में सामने आया है कि भारत में ऑरोफेरिंजियल कैंसर (Oropharyngeal cancer) यानी सिर और गर्दन के सभी कैंसर मामले लगभग 10 फीसदी हैं. आंकड़ों के मुताबिक, तंबाकू आज भी देश में ऑरोफेरिंजियल कैंसर का प्रमुख कारण है.

हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा कि दुनियाभर में सिर और गर्दन के कैंसर के 5,50,000 से अधिक मामले हर साल सामने आते हैं. सिगरेट अधिक पीने वालों में इस तरह के कैंसर के मामले पांच से 25 गुना अधिक होते हैं.

उन्होंने कहा, ओरल एचपीवी तब होता है जब मुंह में कट या घाव हो और मुख मैथुन किया जाए. ऑरोफेरिंजियल कैंसर ऑरोफेरिंक्स में शुरू होता है. यह मुंह के पीछे गले का एक हिस्सा होता है. यहां मौजूद अधिकांश कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कहलाते हैं, लेकिन अन्य प्रकार के कैंसर और अन्य ट्यूमर भी हो सकते हैं.

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ये हैं ऑरोफेरिंजियल कैंसर के लक्षण

- ठीक न होने वाला मुंह का छाला.

- मुंह में दर्द.

- गाल में गांठ.

- मसूड़ों, जीभ, टॉन्सिल, या मुंह के अस्तर पर सफेद या लाल पैच पड़ना.

- गले में दर्द.

- चबाने या निगलने में तकलीफ होना.

- जीभ या मुंह के अन्य क्षेत्रों का सुन्न पड़ना.

- दांत या जबड़े के आसपास दर्द होना.

- आवाज में परिवर्तन होना.

- गर्दन में गांठ और सांस में निरंतर बदबू आना प्रमुख है.

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यह है बचने का तरीका

हेल्थ एक्सपर्ट ने यह भी बताया कि एचपीवी वैक्सीन एक सुरक्षित और प्रभावी टीका है, जो आपको एचपीवी से संबंधित बीमारियों से बचा सकती है. 26 साल की उम्र तक टीका लगवा सकते हैं. यह टीका एचपीवी से जुड़े ऑरोफेरिंजियल कैंसर को रोकने में मदद करता है.

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