आंकड़ों की माने तो देशभर में लगभग 35 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें ये जानकारी नहीं है कि उनमें हेपेटाइटिस-सी के कीटाणु हैं. एक स्टडी में इस बात की पुष्टि की गई है. हेपेटाइटिस लिवर की बीमारियों का एक प्रमुख कारण माना जाता है. इसका इलाज अगर समय पर नहीं करवाया जाए तो यह बीमारी लिवर कैंसर का रूप ले सकती है.
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि विज्ञान ने पिछले कुछ वर्षो में काफी तरक्की की है, जिसकी वजह से हेपेटाइटिस सी का इलाज संभव हो गया है. इस बीमारी के 8 से 12 सप्ताह के दौरान भी लगभग 90 फीसदी लोगों में इसका उपचार किया जा सकता है. हालांकि, इस बीमारी के बारे में कई गलत-फहमियां भी प्रचलित हैं, जिसके कारण कभी-कभी इसका इलाज शुरू नहीं हो पाता है. ये भी माना जाता है कि हेपेटाइटिस का कारण जॉन्डिस होता है.
ब्रेकफास्ट न करने से शरीर को होते हैं ये 5 बड़े नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया, हेपेटाइटिस या जॉन्डिस की बीमारी गंदे पीने के पानी के कारण नहीं फैलती है. बल्कि जब खून के द्वारा कीटाणु जिगर में पहुंचते हैं, तब होती है. लेकिन समय पर टीका लगवाने से इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि शराब पीने से हेपेटाइटिस-सी होता है. यह सच है कि शराब इस बीमारी के लक्षण बढ़ाता है, लेकिन यह इसका मुख्य कारण नहीं है.
इसके अलावा कुछ लोगों का ये भी कहना है कि हेपेटाइटिस पीड़ित महिलाओं को अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे में कीटाणु पहुंच सकते हैं. लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बात को गलत बताया है.