{mosimage}आप जैसे ही किसी अस्पताल में कदम रखते हैं, आपके नथुने अस्पताल की एक जानी-पहचानी गंध से भर जाते हैं. लेकिन दिल्ली के फोर्टिस ला फेम्मे अस्पताल में आपका स्वागत संतरे की भीनी-भीनी खुशबू से होता है. इसी तरह बंगलुरू में नेस्ट अस्पताल के प्रतीक्षा कक्ष में आते ही आप चकित रह जाएंगे. पुणे के ओइस्टर ऐंड पर्ल अस्पताल में आप अपना समय साइबर कैफे या मसाज पार्लर में बिता सकते हैं. अस्पताल आने-जाने के झंझट से चिंतित हैं? बंगलुरू के क्रेडल अस्पताल में एक लक्जरी कार आपके इशारे पर तैयार खड़ी मिलेगी. आप हमेशा यही मान कर चलते हैं कि चाहे कितने ही मैत्रीपूर्ण कर्मचारी हों और खुशनुमा माहौल हो, अस्पताल कोई होटल नहीं. लेकिन नए प्रसूति केंद्र इस तरह के सोच को बदल रहे हैं.
आवभगत में कोई कसर नहीं
अब मरीज की भरपूर आवभगत ही इनका मंत्र है. पिछले महीने ला फेम्मे में बच्चे को जन्म देने वाली दिल्ली की नम्रता मान याद करती हैं, ''यह सिर्फ आरामदेह ही नहीं था, उन्होंने मेरी इतनी आवभगत की जैसे मैं कोई विशेष हस्ती हूं.'' बंगलुरू के क्रेडल में एक निदेशक रोहित एम.ए. कहते हैं, ''अधिकांश महिलाओं को ऐसा ही अनुभव होता है.'' और हो भी क्यों नहीं? बच्चे को जन्म देना एक महिला के जीवन में कोई साधारण घटना नहीं है.
मां के लिए यादगार अनुभव
बर्थ नाम की एक पत्रिका के मार्च, 2007 के अंक में छपे एक अध्ययन के अनुसार महिलाएं अपने प्रसव के अनुभव को लंबे समय तक अपनी स्मृति में संजोए रखती हैं और बाद में यह उनके आत्मसम्मान को भी प्रभावित करता है. कोलकाता में हाल ही में बने कोलंबिया एशिया, जो देश के पूर्वी हिस्से में एकमात्र बुटीक प्रसव केंद्र है, के महानिदेशक अरिंदम बनर्जी कहते हैं, ''यहां तक कि 10 साल पहले तक इस बात में महिलाओं की मर्जी नहीं चलती थी कि वे कब, कहां और कैसे अपने बच्चे को जन्म देंगी. आज की महिलाएं कहीं ज्यादा अधिकार रखती हैं, क्योंकि वे आम तौर पर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती हैं. उनके पास ज्यादा विकल्प होते हैं और वे अपने इस अनुभव को विशेष बनाना चाहती हैं.''
दिनोंदिन फल-फूल रहा कारोबार
यही वजह है कि उस देश में यह एक अच्छा कारोबार हो सकता है, जहां प्रसव अस्पताल में भर्ती होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. सीआइआइ-मॅकिंसे रिपोर्ट (हेल्थ केअर इन इंडिया, 2002) के मुताबिक भारतीय अस्पतालों में प्रति वर्ष 5.45 करोड़ गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए भर्ती होती हैं. 6,000 करोड़ रु. के इस बाजार में करीब 2,500 करोड़ रु. संपन्न वर्ग से आते हैं. 2012 तक यह बाजार 11,000 करोड़ रु. तक हो सकता है, जिसमें अमीर परिवारों का योगदान 6,400 करोड़ रु. का होगा. {mospagebreak}बताया जाता है कि बंगलुरू जैसे शहर में हर रोज 400 से ज्यादा बच्चे जन्म लेते हैं. इनमें से 15 फीसदी माता-पिता विशेष सुविधाओं वाले प्रसव का खर्च उठा सकते हैं.
आधुनिक अस्पतालों की कमी नहीं
वर्ष 2004-05 के आसपास देश में इस तरह के सिर्फ दो ही केंद्र थे-अपोलो समूह का द क्रेडल और फोर्टिस समूह का ला फेम्मे. लेकिन 2009 तक आते-आते इन्हें उंगलियों पर गिनना मुश्किल हो गया है. क्रेडल अब बंगलुरू, गुड़गांव और कोझीकोड में खुल गया है. वॉकहार्ट अस्पताल समूह ने बंगलुरू में द नेस्ट नाम से एक केंद्र खोल दिया है. मौजूदा अस्पताल भी अब अपने यहां डिजाइनर 'प्रसूति सुईट' खोलने लगे हैं-जैसे मुंबई में हीरानंदानी और लीलावती अस्पताल, पुणे में ओइस्टर ऐंड पर्ल अस्पताल, कोलकाता और बंगलुरू में कोलंबिया एशिया और दिल्ली में मूलचंद अस्पताल वगैरह.
तनाव कम करने का पूरा इंतजाम
यह सिर्फ सुखद एहसास और संतरे की खुशबू भर नहीं है, डिजाइनर प्रसूति केंद्रों का उद्देश्य एलडीआरपी (लेबर-डिलीवरी-रिकवरी-पोस्ट-मार्टम) सुईट उपलब्ध कराना होता है. यह विचार 1990 के दशक में अमेरिका से शुरू हुआ ताकि महिला को प्रसव के चार चरणों की परेशानी से कम से कम गुजरना पड़े और उसे ज्यादा से ज्यादा एकांत मिल सके. मुंबई के एल.एच. हीरानंदानी अस्पताल में कंसल्टेंट प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता सोनी कहती हैं, ''महिला की एक ही जगह देखभाल होने से संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है. प्रसव को लेकर उसका मानसिक तनाव भी कम होता है, क्योंकि सुईट परिवार को मां के साथ रुकने को प्रोत्साहन देते हैं.''
साधारण पैकेज पर भी विशेष सुविधा
जाहिर है, इन सब सुविधाओं की अच्छी-खासी कीमत भी होती है. जहां पड़ोस के प्रसूति गृह एक प्रसव के लिए करीब 20,000 रु. वसूल करते हैं, वहीं प्रसव सुईट में प्रसव का खर्च 45,000 रु. से 2 लाख रु. तक हो सकता है. अस्पताल औसतन एक प्रसूति सुईट पर करीब 20 लाख रु. खर्च करते हैं. अगर आप साधारण पैकेज लेते हैं तो भी आपको यहां विशेष सेवा दी जाती है. महिला को प्रसव के लिए अस्पताल में दाखिल करने से बहुत पहले ही ये केंद्र माता-पिता को प्रसव से पूर्व सारी जानकारी देते हैं, जरूरी व्यायाम कराते हैं और परिवारवालों को हर तरह की सलाह देते हैं. ओइस्टर ऐंड पर्ल की निदेशक डॉ. अमिता फडनीस कहती हैं, ''बच्चे के जन्म में पिता को सक्रिय भूमिका अदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.'' नवजात शिशु की गहन जांच की जाती है. ये केंद्र शिशु के लिए वार्मर, वेंटिलेटर और अन्य अत्याधुनिक तकनीक से लैस होते हैं. प्रसव के बाद मां की भी पूरी देखभाल की जाती है.
रिमोट से नियंत्रित होने वाले बिस्तर
इन केंद्रों के भव्य सुईट में रिमोट से नियंत्रित होने वाले बिस्तर होते हैं, जो प्रसव के समय आरामदेह कुर्सी में बदल जाते हैं. इनमें छुपे हुए उपकरण लगे होते हैं जो प्रसव शुरू होने पर उंगली के इशारे पर बाहर आ जाते हैं. यहां निजी पसंद वाला भोजन, आगंतुकों से मिलने की पूरी छूट और परिवार के लिए रहने की जगह भी होती है जहां रसोई, फ्रिज, माइक्रोवेव और टीवी, सभी कुछ होता है. यह बात दीगर है कि इसके लिए जेब ढीली करनी पड़ती है. {mospagebreak}नए जमाने के माता-पिता इसकी परवाह नहीं करते. तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले, बंगलुरू के एम.पी. रमेश कहते हैं, ''हमने नेस्ट में टेंडर लविंग केअर पैकेज लिया है. इसका बिल करीब 72,000 रु. आया है. इसका ज्यादातर हिस्सा बीमा से मिल गया है.''
खुश होकर जाते हैं माता-पिता
इस प्रकार माता-पिता खुश होकर यहां से जाते हैं. रोहित महीने में 120 प्रसव कराने वाले द क्रेडल की सफलता का मंत्र बताते हैं, ''यहां छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दिया जाता है. जैसे जब मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है तो छत पर लटकने वाली रोशनी से एक घबराहट पैदा होती है. इसलिए हम उसके रास्ते में मद्धिम रोशनी लगाते हैं.'' ला फेम्मे की रंजना शर्मा कहती हैं, ''गर्भ कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह आनंद का अवसर है. हम सहज प्रसव को बढ़ावा देना चाहते हैं और इसे ज्यादा से ज्यादा आरामदेह बनाना चाहते हैं.'' इसलिए तनाव को खत्म करने के लिए आप गायत्री मंत्र का जाप कर सकती हैं, जकूजी टब में नहाने का आनंद ले सकती हैं और अस्पताल में मिठाई बांट सकती हैं. यहां विकल्पों की कोई कमी नहीं है. ये केंद्र आपको हर तरह से प्रसन्न रखते हैं.
किसकी क्या खासियत:
द क्रेडल, बंगलुरूः यह केंद्र आपको आने-जाने के लिए लक्जरी कार मुहैया कराता है, भव्य सुईट देता है जिसमें सुगंधित मोमबत्तियां, रंग-बिरंगे वाशरूम के अलावा प्रसव के समय आपकी पसंद का संगीत भी होता है.
फोर्टिस ला फेम्मे, दिल्लीः यहां आपको लकड़ी के तख्ते पर मढ़ी हुई टाइलें मिलती हैं, जिन पर बच्चे के हाथ, पैर का निशान या नाम अंकित होता है. यहां उपहारों की दुकान देखने लायक है.
द नेस्ट, बंगलुरूः यहां एंटी-स्ट्रेच क्रीम, गाउन से लेकर प्रसव से संबंधित जानकारियां दी जाती हैं. यह सब कुछ आपको टेंडर लविंग केअर नामक पैकेज में दिया जाता है.
हीरानंदानी अस्पताल, मुंबईः यहां प्रसव पीड़ा से राहत के लिए जल चिकित्सा वाला टब विशेष आकर्षण है. यहां सुईट में परिवार के लिए रहने की जगह दी जाती है, जिसमें रसोई और माइक्रोवेव भी होता है.
कोलंबिया एशिया, कोलकाताः पूरब में अपनी तरह का एकमात्र केंद्र, जहां नवजात शिशु के छोटे भाई-बहन के लिए पालने के अलावा भव्य कमरा होता है जिसमें परिवारवालों के लिए रसोई से युक्त रहने की जगह होती है.
ओइस्टर ऐंड पर्ल, पुणेः यहां आपको मसाज पार्लर, हाथ की कढ़ाई वाली चादरें, उत्सव की जगह, साइबर कैफे और प्रसव के बाद पूरी देखभाल की सुविधा होती है.
आर्टेमिस, गुड़गांवः यहां सुंदर फूलों से लेकर राहत देने वाली पेंटिंगें हैं. आप यहां अपनी जेब के मुताबिक अलग-अलग तरह के पैकेज का चुनाव कर सकते हैं.