रजोनिवृत्ति को हमेशा महिलाओं में उम्र के साथ आने वाले हारमोन संबंधी बदलावों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन हाल ही में एक अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा पुरुषों में भी हो सकता है.
चिकित्सा समुदाय में ‘मेल हाइपोगोनाडिज्म’ कहलाने वाली यह समस्या तब होती है जब अंडकोष से टेस्टोस्टेरोन का पर्याप्त उत्पादन नहीं होता. टेस्टोस्टेरोन हारमोन पुरुषों में विकास में अहम भूमिका अदा करता है. पुरुषों में रजोनिवृत्ति के लक्षण थकान, मिज़ाज में बदलाव, यौन संबंध बनाने की इच्छा का कम होना, बाल झड़ना, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का कम होना और वजन बढ़ जाना होते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि जब हारमोन का स्तर कम हो जाता है तो पुरुषों में मानसिक और शारीरिक बदलाव आते हैं. नॉर्थवेस्टर्न मेमोरियल हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख रॉबर्ट ब्रानिंगम ने कहा, ‘यह विकार अत्यधिक पाया जाता है. हमारा अनुमान है कि दुर्भाग्य से 95 फीसदी मामलों में इसका पता नहीं चल पाता. लिहाजा इलाज नहीं हो पाता. जब उसकी उपेक्षा होती है तो इसके लक्षण जीवन जीने की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं.’
नॉर्थवेस्टर्न मेमोरियल हॉस्पिटल में 40 वर्षीय माइकल एंड्रूज्जी में ‘मेल हाइपोगोनाडिज्म’ पाया गया है. उन्होंने कहा, ‘मेरा शरीर मुझसे कह रहा था कि कहीं कुछ गड़बड़ है. मैं हमेशा थका महसूस करता था. मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता था कि मैं कितनी देर से सो रहा हूं. मैं हमेशा झपकी लेना चाहता था.’ ब्रानिंगम ने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ हारमोन में इस तरह का बदलाव आना सामान्य बात है.