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लाइफस्टाइल

कुतुब मीनार से ऊंचा होने वाला है गाजीपुर में कचरे का ढेर

कुतुब मीनार से ऊंचा होने वाला है गाजीपुर में कचरे का ढेर
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विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जहां पूरी दुनिया प्रदूषण से जंग करने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली में मौजूद एक विशाल कचरे का ढेर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. पूर्वी दिल्ली के इलाके गाजीपुर में मौजूद यह कचरे का ढेर अगर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो अगले वर्ष तक इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा हो जाएगी.
कुतुब मीनार से ऊंचा होने वाला है गाजीपुर में कचरे का ढेर
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40 पिचों जितनी जगह घेरी-
कचरे का यह पहाड़ अब चिड़िया, बाज, गाय, कुत्ते और चूहों का आशियाना बन चुका है. एक अनुमान के मुताबिक अगले साल तक इसकी ऊंचाई करीब 73 मीटर बढ़ जाएगी. बता दें कि दिल्ली में ही मौजूद कुतुब मीनार की ऊंचाई भी 73 मीटर है. कचरे के इस पहाड़ ने फुटबॉल मैदान की 40 पिचों जितना एरिया घेर रखा है.
कुतुब मीनार से ऊंचा होने वाला है गाजीपुर में कचरे का ढेर
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हर दिन फेंका जाता है दो टन कचरा-
कचरे के इस ढेर की कुल ऊंचाई अभी 65 मीटर यानी 213 फीट है. इसका दायरा हर साल करीब 10 मीटर बढ़ रहा है. इससे निकलने वाली गंदी बदबू से आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोग परेशान हैं. हाई-वे से गुजरती गाड़ियों के शीशे भी बदबू की वजह से बंद हो जाते हैं.
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1984 में बना था कचरा संग्रहण केंद्र-
गाजीपुर में बने इस कचरा संग्रहण केंद्र का निर्माण साल 1984 में हुआ था. इसकी क्षमता 2002 में ही पूरी हो गई थी. इसके बाद इसे बंद कर देना चाहिए था, लेकिन इस अवधि के 17 साल गुजर जाने के बाद भी इसमें भारी मात्रा में कचरा फेंका जा रहा है. गाजीपुर में हर दिन 2 टन कचरा डाला जाता है.
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कचरे से हवाई जहाजों को खतरा-
पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने इसके ऊपर रेड सिग्नल लगाने के आदेश दिए थे ताकि रात में इसके ऊपर से गुजरने वाले हवाई जहाज न टकरा जाएं. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट की सीनियर रिसर्चर शांभवी शुक्ला ने बताया कि कचरे से निकलने वाली मीथेन गैस हवा में घुलने के बाद और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है.
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हज़ारों लोगों की मौत-
साल 2013 से 2017 के बीच सरकार ने इसे लेकर एक सर्वेक्षण भी करवाया था, जिसमें पता चला कि दिल्ली में करीब 1000 लोगों को मौत हवा में फैल रहे इन्फेक्शन की वजह से होती है, जबकि 10 लाख लोग इसके संक्रमण के शिकार हुए.
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