ऑस्ट्रियन टेक्नॉलजी फेयर में जब डॉ. सैन्टोज समन्था की एक डॉल को मिट्टी में गिरा दिया तो उसने “I’m fine,” जवाब दिया था. डॉ. सैन्टोज अब समन्था के नए वर्जन पर काम कर रहे हैं जो किसी शख्स के हिंसक होने पर काम करना बंद कर देगी.
वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि बार्बी बॉडी वाली इन डॉल्स की वजह से महिलाओं को एक वस्तु के तौर पर पेश करने की मानसिकता बढ़ेगी. लोगों में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ जाएगी. कई कैंपेन ग्रुप इसके खिलाफ कैंपेन भी चला रहे हैं.
कुछ दिनों पहले फ्रिजिड फराह नाम की डॉल पर भी खूब विवाद हुआ था. फ्रिजिड फराह को जब कोई छूता था तो यह ना कहती थी. एवरीडे सेक्सिजम प्रोजेक्ट की फाउंडर लॉरा बेट्स ने न्यू यॉर्क टाइम्स में लिखा था, 'यह धारणा कि सेक्स रोबोट से रेप में कमी आएगी, बिल्कुल गलत है. रेप सेक्सुअल पैशन का ऐक्ट नहीं है, यह एक हिंसक अपराध है. हमें बलात्कारियों को प्रोत्साहित करते हुए एक सुरक्षित विकल्प नहीं उपलब्ध कराना चाहिए. अगर ऐसा ही है तो फिर हत्यारों को खून से भरी डमीज देनी चाहिए ताकि वे उनको चाकू भोंक सकें.'
(फोटो क्रेडिट- REUTERS)