इस रिसर्च में बताया गया है कि कि SARS-CoV-2 hACE2 (ह्यूमन एंजियोटेंसिन कन्वर्टिंग इंजाइम 2) नामक एक विशिष्ट मानव रिसेप्टर से संपर्क के लिए जाना जाता है. ये वायरस का प्रवेश बिंदु भी होता है, जो बाद में फेफड़ों समेत शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है. आईआईटी जोधपुर का ये शोध पत्र अमेरिकन केमिकल सोसायटी के जनरल न्यूरोसाइंस में प्रकाशित हुआ है.