पिछले कुछ समय से कई हेल्थ एक्सपर्ट्स, इंफ्लूएंर्स, डॉक्टर और सेलिब्रिटीज ग्लूटन फ्री या फिर कम से कम ग्लूटन के सेवन को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं. ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ और राई जैसे अनाजों में पाया जाता है. यह अनाज को आकार और स्थिरता प्रदान करता है जिससे रोटी, ब्रेड, पास्ता और समेत कई खाद्य पदार्थों में लचीलापन और बनावट आती है. ग्लूटन कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, लेकिन कई स्थितियों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इस खबर में हम आपको यही बता रहे हैं, यह कैसे और किन लोगों के लिए ठीक नहीं है.
1. सीलिएक रोग:
यह ऑटोइम्यून रोग है जिसमें ग्लूटन का सेवन बेहद खतरनाक माना जाता है क्योंकि सीलिएक रोग ग्लूटेन के सेवन के कारण होता है और इससे छोटी आंत में क्षति होती है. जब सीलिएक रोग से पीड़ित लोग ग्लूटेन खाते हैं तो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली सूजन पैदा करती है जिससे आंत की परत को नुकसान पहुंचता है. इसके कारण शरीर पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है और इंसान बीमार पड़ने लगता है.
2. ग्लूटेन संवेदनशीलता:
यह कंडीशन सीलिएक रोग जितनी गंभीर नहीं है लेकिन ग्लूटेन संवेदनशीलता पाचन से जुड़ी परेशानी, थकान और कई दिक्तें पैदा कर सकती है. ग्लूटेन संवेदनशीलता से पीड़ित कुछ लोगों को सूजन, दस्त और पेट दर्द जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं.
3. सूजन:
कुछ शोध बताते हैं कि ग्लूटेन शरीर में सूजन को ट्रिगर कर सकता है जो गठिया जैसी कंडीशन्स को खतरनाक स्तर पर पहुंचा सकता है. इससे आप कम उम्र में ही गठिया से ग्रसित हो सकते हैं.
4. पोषक तत्वों की कमी:
छोटी आंत को नुकसान चाहे सीलिएक रोग से हो या ग्लूटेन संवेदनशीलता से, लेकिन ऐसा होते ही शरीर की आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को खराब होना शुरू हो जाती है. इससे शरीर आयरन, कैल्शियम, फोलेट और अन्य विटामिन और खनिजों का अवशोषण नहीं कर पाता है और एक तरह से शरीर में इनकी कमी हो सकती है.