Side effects of eating too much papad: एक समय पहले, हर भारतीय घर में महिलाएं पापड़ आदि चीजें खूब बनाती थीं और उन्हें धूप में सुखाती थीं. उस समय हर घर की छत में पापड़ सूखने के लिए रखे जाते थे. पापड़ को हर भारतीय घर में पसंद किया जाता है. खाने के साथ पापड़ खाना हर किसी को काफी ज्यादा पसंद होता है. बहुत से लोग तो ऐसे हैं जो पापड़ के बिना खाना तक नहीं खाते.
भारत के हर क्षेत्र में पापड़ को अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है. जहां साउथ इंडिया में चावल से पापड़ बनाए जाते हैं, वहीं राजस्थान में बेसन से पापड़ बनाए जाते हैं और पंजाब में उड़द दाल से पापड़ बनाए जाते हैं.
कई बार या पार्टी में पापड़ के ऊपर प्याज, टमाटर और चाट मसाला डालकर सर्व किया जाता है. आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि पापड़ में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है और लोग इसका सेवन भर-भरकर करते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं 2 पापड़ में 1 रोटी जितनी कैलोरी होती है. एक पापड़ में 35 से 40 कैलोरी होती है और नमक की मात्रा 226mg होती है. तो आइए जानते हैं ज्यादा पापड़ खाने से आपकी सेहत को कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं.
हाई सोडियम- फैक्ट्री में बने पापड़ में अक्सर नमक और सोडियम-बेस्ड प्रिजर्वेटिव जैसे सोडियम कार्बोनेट और सोडियम बाइकार्बोनेट (जिसे आम तौर पर पापड़ खार कहा जाता है) की अधिक मात्रा होती है. अत्यधिक सोडियम का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर, किडनी डिजीज और हार्ट डिजीज का सामना करना पड़ता है.
एक्रिलामाइड: तले और भुने पापड़ में छिपा ख़तरा
पापड़ से जुड़ी एक बड़ी चिंता एक्रिलामाइड का बनना है जो तब होता है जब एस्परैगिन (एक एमिनो एसिड) और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों को 120 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्म किया जाता है. स्टडी से पता चलता है कि पापड़ जैसे कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों को तलने और भूनने से एक्रिलामाइड का निर्माण हो सकता है - जो एक न्यूरोटॉक्सिन और कार्सिनोजेन है. एक्रिलामाइड के संपर्क में आने से कैंसर और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है. दिलचस्प बात यह है कि माइक्रोवेव में भूनने से गैस पर भूनने या डीप फ्राई करने की तुलना में कम एक्रिलामाइड पैदा होता है.
बाजार में मिलने वाले पापड़ में प्रिजर्वेटिव की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो पाचन में बाधा डाल सकते हैं और उन्हें खाने से आपको एसिडिटी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.