जब ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की बात आती है तो आप क्या खाते हैं यह तो मायने रखता ही है, साथ ही यह भी मायने रखता है कि आप कितनी बार खाते हैं. डायबिटीज से परेशान लोगों के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि क्या दिन में सिर्फ एक बार भरपेट खाना ज्यादा बेहतर है या फिर दिनभर थोड़ा-थोड़ा करके कई बार खाना बेहतर होता है?
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अपने खाने को दिनभर में छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर खाते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल ज्यादा स्टेबल रहता है. वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स इंटरमिटेंट फास्टिंग या टाइम-रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग को बेहतर मानते हैं. इसमें लोग दिन में सिर्फ कुछ घंटों के अंदर ही खाना खाते हैं और बाकी समय फास्टिंग करते हैं.
डायबिटीज में कौन सा तरीका सही?
इस बारे में डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि कुछ डायबिटीज मरीजों के लिए दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार खाना काफी मददगार हो सकता है. इससे उनका ब्लड शुगर लेवल स्टेबल रहेगा और दिनभर शरीर में एनर्जी बनी रहेगी.
हालांकि, कनिका का ये भी कहना है कि हर डायबिटीज के मरीज के लिए एक जैसा नियम नहीं हो सकता. कुछ रिसर्च में यह भी पाया गया है कि टाइप 2 डायबिटीज के कुछ मरीजों के लिए ग्लाइसेमिक कंट्रोल के लिए दिन में केवल दो बार भरपेट खाना भी उतना ही असरदार हो सकता है. यहां तक कि यह कुछ मामलों में उससे ज्यादा फायदेमंद हो सकता है.
कनिका आगे कहती हैं कि ब्लड शुगर कंट्रोल करने का सबसे बेस्ट तरीका है कंसिस्टेंसी. यानी हर दिन एक फिक्स टाइम पर खाना खासकर नाश्ता बेहद जरूरी है. इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. लेकिन खाने का सही समय आपकी सेहत और लाइफस्टाइल के हिसाब से तय होना चाहिए. कोई एक तरीका सब पर फिट नहीं बैठता, इसलिए अपने डॉक्टर या डाइटीशियन की सलाह के मुताबिक अपनी डाइट प्लान बनाएं.
वो आगे कहती हैं कि जो लोग इंसुलिन या कुछ खास डायबिटीज की दवाएं लेते हैं, उन्हें खाना स्किप करने से बचना चाहिए. उनके लिए खाना स्किप करना या लंबे समय तक बिना खाए रहना हाइपोग्लाइसीमिया का कारण हो सकता है. अगर आप सुबह का नाश्ता करते हैं और रात में जल्दी खा लेते हैं तो इंसुलिन सेंसिटिविटी और फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल बेहतर हो सकता है.